Cyber Crime: महिला जालसाज ने 10 महीने तक सेवानिवृत्त मैनेजर को फंसाकर ठगे सवा करोड़, मुनाफे का दिया था झांसा

महिला साइबर जालसाज ने यमुना प्राधिकरण के सेवानिवृत्त मैनेजर से किस्तों में करीब सवा करोड़ रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया। युवती ने व्हाट्सएप पर संपर्क कर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। करीब 10 महीने तक निवेश पर मुनाफे का झांसा दिया। जब पीड़ित को ठगी की जानकारी हुई तब इसकी शिकायत पुलिस से की गई। इस मामले में साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यमुना प्राधिकरण से सेवानिवृत मैनेजर ग्रेटर नोएडा में रहते हैं। करीब एक साल पहले दिव्या शर्मा नामक एक युवती ने इनसे व्हाट्सएप पर संपर्क किया। दोनों के बीच बातचीत होने लगी। तभी दिव्या शर्मा ने खुद को कारोबारी बताया। उसने बताया कि उसकी एक कंपनी भी है। इसके बाद युवती ने कहा कि वह निवेश कर लाखों रुपये की कमाई कर रही है। उसने सेवानिवृत मैनेजर को भी प्रेरित किया और गोल्डन ब्रिज इंवेस्टमेंट कंपनी में निवेश करने की बात कही। 28 जनवरी 2025 को सेवानिवृत मैनेजर ने युवती के कहने पर 40 हजार रुपये का निवेश किया। इसपर उन्हें करीब आठ हजार रुपये का मुनाफा हुआ। मुनाफे समेत रकम शिकायतकर्ता के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। इसके बाद उन्हें यकीन हो गया कि उनकी रकम सही जगह पर निवेश कराई जा रही है। ऐसा करके वह कम समय में ही ज्यादा मुनाफा कमा सकते है। मुनाफे के चक्कर में शिकायतकर्ता ने एक फरवरी 2025 से 11 नवंबर 2025 तक एक करोड़ 24 लाख 44 हजार रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान युवती ने शिकायतकर्ता के मोबाइल पर ही एक ऐप डाउनलोड कराया। इसपर मुनाफे की राशि बढ़ती हुई दिख रही थी। करीब सवा करोड़ रुपये निवेश करने के बाद जब पीड़ित को रकक की जरूरत पड़ गई तब उन्होंने रकम निकालने का प्रयास किया। तब जालसाज युवती ने कुल रकम का तीस प्रतिशत टैक्स मांगा। जब पीड़ित ने ऐसा करने से इनकार किया तो युवती ने उससे संपर्क तोड़ लिया। एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और साइबर थाने की टीम इसमें लगी हुई है। खातों की पुलिस कर रही जांच एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल का कहना है कि पुलिस की टीम जांच में लगी हुई है। बैंकों से जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन खातों की विस्तृत जानकारी ली जा रही है। जिन खातों में रकम ट्रांसफर कराई गई है। रकम को फ्रीज और होल्ड कराने के लिए संबंधित बैंक को जानकारी दी गई है। पुलिस निवेश के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पता लगा रही है और कुछ गिरोह के जालसाज पुलिस के रडार पर हैं। ठगों ने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर दिया प्रशिक्षण पीड़ित ने पुलिस को बताया कि जब शुरुआत में युवती से बात हुई तब ही उसने निवेश करने का दबाव बनाया। इसके बाद एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा। इसमें पहले से कई लोग ग्रुप में जुड़े हुए थे। यहां कई दिनों तक कथित रूप से प्रशिक्षण दिया गया और रोजाना निवेश संबंधी जानकारी दी गई थी। कई लोग इस ग्रुप में स्क्रीन शॉट भी साझा कर रहे थे जिसमें वह कथित तौर पर मुनाफा दिखाते थे। बाद में समझ आया कि ग्रुप के सभी सदस्य साइबर जालसाज के लोग ही थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 03, 2025, 01:42 IST
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