Pinaka System: पिनाका रॉकेट लॉन्चर के लिए रक्षा मंत्रालय ने बनाई बड़ी रणनीति, 10 हजार करोड़ के एमओयू की तैयारी

देश के दुश्मनों को युद्ध क्षेत्र में करारा जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार है। भारतीय सेना के प्रस्ताव के बाद रक्षा मंत्रालय नेसोलर इंडस्ट्रीज नागपुर और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के साथ पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर हथियार प्रणालियों के लिए गोला-बारूद के लिए 10,200 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की तैयारी की है। पिछले सप्ताह सुरक्षा कैबिनेट समिति नेगोला-बारूद खरीदने के भारतीय सेना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। Defence Ministry set to sign over Rs 10,200 crore contract for ammunition for Pinaka multi-barrel rocket launcher weapon systems today with Solar Industries, Nagpur and public sector firm Munitions India Limited. The Cabinet Committee on Security had last week cleared the… pic.twitter.com/ChWEmLht57mdash; ANI (@ANI) February 6, 2025 इससे पहलेसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 13 जनवरी को अपने वार्षिक प्रेस कॉन्फेंस में बताया था कि पिनाका की दो अलग-अलग श्रेणीके हिसाब से दो अनुबंध किए जाने हैं। एक अनुबंध 5,700 करोड़ रुपये और दूसरा 4,500 करोड़ रुपये का है और सरकार से जल्द ही इन्हें मंजूरी मिलने की उम्मीद है। पिनाका पहले से ही निर्यात क्षेत्र में एक बड़ी सफलता की कहानी बन चुका है क्योंकि इसे आर्मेनिया खरीद चुका है जबकि फ्रांस सहित कई यूरोपीय देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं। सीसीएस ने जिस हथियार प्रणाली के लिए मंजूरी दी है उसके रॉकेट की मारक क्षमता 45 किमी है। यह पाकिस्तान और चीन दोनों ही सीमाओं के लिए प्रभावी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन पिनाका प्रणाली के लिए 120 किमी तक मारक क्षमता वाले रॉकेट विकसित करने के अंतिम चरण में है। सेना प्रमुख ने कहा था कि जैसे ही हमें पिनाका रॉकेट्स में लंबी रेंज मिलने लगेगी तो हम अन्य वैकल्पिक लंबी दूरी के हथियारों को छोड़कर इसी सिस्टम पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। 75 किमी से अधिक है मारक क्षमता यह रॉकेट सिस्टम कई वैरिएंट में उपलब्ध है और 75 किलोमीटर और उससे भी अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेद सकता है। इससे पहले आर्मेनिया इसे खरीदने के लिए ऑर्डर दे चुका है और कई अन्य देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं। पिनाका एमबीआरएल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है और इसका उत्पादन सोलर इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा और ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड कंपनीज आदि मिलकर कर रहे हैं। कारगिल युद्ध में सटीक रहा था पिनाका मार्क-1 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाक मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था, जिसने पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था और युद्ध में दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 06, 2025, 10:20 IST
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