Delhi Pollution: जहरीली हवाओं में मांओं को सता रही बच्चों की चिंता, NHRC में अर्जी, हाईकोर्ट में आज सुनवाई

दिल्ली की हवा को बच्चों के लिए खतरनाक बताते हुए वॉरियर मॉम्स समूह ने एनएचआरसी में अर्जी दी है। उनका कहना है कि शहर की हवा ज्यादातर बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में रहती है, जिससे बच्चों के फेफड़ों, सांस लेने की क्षमता और मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ रहा है। ग्रुप ने एनएचआरसी से केंद्र और दिल्ली सरकार समेत संबंधित एजेंसियों को निर्देश देने की मांग की है। उनकी मांगों में प्रदूषण स्तर के आधार पर स्कूल बंद करने के नियम, अभिभावकों को रियल-टाइम अलर्ट, स्कूलों में फिल्टर्ड-एयर रूम, एयर प्यूरीफायर और बच्चों की मुफ्त स्वास्थ्य जांच शामिल हैं। ग्रुप का कहना है कि बार-बार बनने वाला स्मॉग प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है। पर्यावरणविद भावरीन कंधारी ने दावा किया कि एयर पॉल्यूशन से हर साल 1.7 मिलियन से ज्यादा भारतीयों की मौत हो रही है। वॉरियर मॉम्स की सदस्य ज्योतिका सिंह ने कहा कि अभिभावकों को बच्चे की पढ़ाई और फेफड़ों की सुरक्षा के बीच चुनाव नहीं करना चाहिए। जानलेवा होती जहरीली हवा में सांस लेना दुश्वार राजधानी में दिन पर दिन जहरीली होती हवा के बीच सांस लेना दुश्वार होता जा रहा है। स्थानीय कारकों और हवा की दिशा बदलने से राजधानी की फिजा एक बार फिर से गंभीर श्रेणी की ओर तेजी से बढ़ गई है। मंगलवार सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे से हुई। आसमान में स्मॉग की हल्की चादर के बीच दृश्यता कम रही। इस दौरान लोग मास्क पहने नजर आए। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 372 दर्ज किया गया जो हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें सोमवार की तुलना में मंगलवार को 68 सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई। एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 395 दर्ज किया गया, यह बेहद खराब श्रेणी है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में 378, गाजियाबाद में 361 और गुरुग्राम में 277 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 248 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है। दोपहर तीन बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 349.1 और पीएम2.5 की मात्रा 196.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बरकरार रहेगी। दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाला प्रदूषण 18.425 फीसदी रहा। इसके अलावा निर्माण गतिविधियों से 2.459, आवासीय प्रदूषण 4.69 और पेरिफेरल उद्योग से 9.222 फीसदी भागीदारी रही। सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार को हव उत्तर दिशा से 10 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1150 मीटर रही। इसके अलावा, वेंटिलेशन इंडेक्स 2500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। इन इलाकों में अधिक रहा प्रदूषण चांदनी चौक-465 नेहरू नगर-444 बवाना, विवेक विहार-436 ओखला फेज 2- 422 वजीरपुर-421 आरके पुरम-417 मुंडका-416 रोहिणी-415 अशोक विहार-414 सोनिया विहार-411 प्रदूषण पर डब्लूएचओ के मानक पर फिट नहीं भारत दुनिया के विभिन्न देशों और क्षेत्रों के पीएम2.5 वायु गुणवत्ता मानक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए निर्धारित हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) का संदर्भ मानक सबसे सख्त है, जिसमें वार्षिक औसत 5 और 24-घंटे औसत 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। इसके उलट भारत में सबसे अधिक लचीला मानक है, जहां वार्षिक 40 और 24-घंटे 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया में वार्षिक मानक 8 और 24-घंटे का 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जबकि कनाडा का वार्षिक 8.8 और 24-घंटे का माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित है। संयुक्त राज्य अमेरिका में ये मानक क्रमशः 9 और 35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हैं और यूरोपीय संघ के लिए 10 वार्षिक और 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर 24-घंटे का है। जापान में वार्षिक 15 और 24-घंटे 35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, बांग्लादेश में 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर वार्षिक और 65 24-घंटे का मानक है। यूनाइटेड किंगडम का वार्षिक 20 और 24-घंटे 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जबकि चीन में ये क्रमशः 35 और 75 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हैं। ये सभी मानक राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों पर आधारित हैं और वास्तविक प्रदूषण स्तर अक्सर इनसे ऊपर रहते हैं। दिल्ली के वायु प्रदूषण पर हाईकोर्ट आज करेगा सुनवाई राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा का कहर बढ़ता जा रहा है। लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को लेकर ग्रेटर कैलाश-II वेलफेयर एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें तत्काल और वैज्ञानिक उपायों की मांग की गई है। अदालत इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला की बेंच के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध किया गया है। याचिका दायर करने से पहले न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह याचिका सार्वजनिक हित से जुड़ी है और इसे पीआईएल रजिस्टर वाली डिवीजन बेंच के समक्ष ही सुनना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में वातावरणीय वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) पिछले कई वर्षों से तेजी से बिगड़ी है। विशेष रूप से सर्दियों में एक्यूआई अक्सर ''बहुत खराब'', ''गंभीर'' और ''खतरनाक'' श्रेणी में पहुंच जाता है। इससे शहरवासियों, खासकर बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और पहले से बीमार लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं। याचिककर्ता का आरोप निष्क्रिय हैं अधिकारी याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि प्राधिकारियों ने हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ने के बावजूद ''लगभग निष्क्रिय'' रहने का रवैया अपनाया। एक्यूआई के महत्वपूर्ण स्तर को पार करने के बाद ही ''स्टेज तीन - उठाए जाने वाले कदम'' जारी किए गए, लेकिन इनका जमीन पर कोई वास्तविक कार्यान्वयन नहीं हुआ। याचिका में कहा गया, ऐसी विलंबित और सौंदर्यीकरण वाली कार्रवाई, बिना किसी वास्तविक या ठोस जमीनी उपायों के, केवल और विलंब का कारण बनी है, जिससे लोगों की जान और स्वास्थ्य को लापरवाही से खतरा पहुंचा है और वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की गंभीरता की पूर्ण उपेक्षा दर्शाई गई है। विंटर एक्शन प्लान से दिल्ली के लोगों को राहत पहुंचाएगी सरकार : मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार इस सर्दी आम लोगों को ठंड से राहत दिलाने के लिए विंटर एक्शन प्लान को लागू कर रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली सचिवालय में इसकी उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि दिल्ली में कोई भी व्यक्ति खुले में ठंड से न सोए और न ही किसी की जान जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बेघरों के साथ-साथ अस्पतालों के मरीज, स्कूली बच्चे, आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चे और सरकारी भवनों में तैनात सुरक्षा गार्ड भी ठंड से पूरी तरह सुरक्षित रहें। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 197 स्थायी रैन बसेरे संचालित हैं, जबकि 250 अस्थायी टेंट में से 204 तैयार हैं और शेष 15 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। सभी रैन बसेरों में 18,000 से अधिक लोगों के लिए गर्म बिस्तर, कंबल, चादर, तकिया, हीटर, पानी, बिजली और महिलाओं के लिए अलग से सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्दी का असर बच्चों के फेफड़ों पर सबसे अधिक पड़ता है। इसके लिए सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं। सीएसआर फंड से बच्चों के लिए गर्म स्वेटर, जूते-मोजे और कमरों में हीटर लगाने की योजना भी तैयार की जा रही है। आंगनवाड़ी और पालना केंद्रों में गर्म कपड़े, कंबल और कमरे गर्म रखने की व्यवस्था की जा रही है। रेखा गुप्ता ने कहा कि रैन बसेरा केवल एक छत नहीं, बल्कि गरीबों की सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक है। इस बार विंटर एक्शन प्लान को पहले से अधिक व्यापक और प्रभावी बनाया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस सर्दी कोई भी बच्चा ठंड से नहीं मरेगा और कोई बेघर सड़क पर असहाय नहीं छोड़ा जाएगा। राजधानी की जहरीली हवा पर सियासी तूफान, सर्दी के मौसम में गरमाया सदन दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर मंगलवार को एमसीडी सदन की बैठक में बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दाैर चला। आम आदमी पार्टी व भाजपा के पार्षदों ने एक-दूसरे को इसका जिम्मेदार ठहराया। बैठक में माहौल इतना गर्म हुआ कि मेयर राजा इकबाल सिंह को सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। शुरुआत दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने और शोक प्रस्ताव से हुई थी। इसी दौरान माहौल गरमाने लगा। नेता प्रतिपक्ष और आप पार्षद अंकुश नारंग ने प्रस्ताव रखा कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी आत्मा की शांति के लिए सदन शोक व्यक्त करे। भाजपा पार्षदों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि आप प्रदूषण को राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। इसी बात पर दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई। सदन में आप की महिला पार्षद शगुफ्ता चौधरी भी निमोलाइजर लगाकर पहुंचीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की हवा इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए घरों और दफ्तरों में एयर प्यूरिफायर और मास्क पर निर्भर रहना पड़ रहा। इस बीच चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। भाजपा की चार इंजन सरकार होने के बावजूद दिल्ली का एक्यूआई 700 पार पहुंच रहा है। पौधारोपण, कूड़ा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था सब कागजों तक सीमित हैं। कूड़े के पहाड़ बढ़ रहे हैं, जलभराव से मासूम बच्चों की जान जा रही है, लेकिन भाजपा शासित एमसीडी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके जवाब में भाजपा पार्षदों ने आप को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रदूषण का असली कारण आप की दिल्ली सरकार की विफल नीतिया हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 03, 2025, 01:42 IST
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