GST Rate Cuts: बिस्कुट-साबुन के छोटे पैकेट नहीं होंगे सस्ते, एफएमसीजी कंपनियां सीधे राहत देने में असमर्थ

जीएसटी दरों में कटौती के बाद भी 22 सितंबर से बिस्कुट, साबुन और टूथपेस्ट के छोटे पैकेट सस्ते नहीं होंगे, क्योंकि एफएमसीजी कंपनियां कम मूल्य वाली वस्तुओं की खुदरा बिक्री कीमतों (एमआरपी) पर कर दरों में कमी का लाभ सीधे हस्तांतरित नहीं कर पाएंगी।  दैनिक उपभोग के उत्पाद बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियों ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के समक्ष छोटे पैकेट पर जीएसटी में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को देने में असमर्थता जताई है। मामले से जुड़े तीन सूत्रों के मुताबिक, एफएमसीजी कंपनियों ने सीबीआईसी से कहा कि वे 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये की कीमत वाले छोटे पैकेट पर जीएसटी दरों में कमी के अनुपात में एमआरपी नहीं घटा पाएंगी, क्योंकि इससे कीमतें उस स्तर तक गिर जाएंगी, जो नियमित भारतीय उपभोक्ता के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से उपयुक्त नहीं होगी। उदाहरण के लिएपहले 20 रुपये एमआरपी वाले बिस्कुट में 18 फीसदी जीएसटी शामिल था, जो 22 सितंबर के बाद घटकर 5 फीसदी रह जाएगा। इससे 20 रुपये वाले बिस्कुट के पैकेट की एमआरपी कम होकर 17.80 या 18 रुपये हो जाएगी। ये भी पढ़ें:India-EU FTA:भारत-ईयू के बीच संतुलित एफटीए को अंतिम रूप देने के लिए गंभीरता से बढ़ रहे, बोले पीयूष गोयल कंपनियों की चिंतापूरा लाभ देने से बिगड़ेगा ढांचा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के साथ चर्चा में एक एफएमसीजी कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी ने कहा, अगर हम जीएसटी दरों में कटौती के अनुरूप पूरा लाभ उपभोक्ता को देना चाहें, तो भले ही 20 रुपये की कीमत वाले उत्पाद के पैकेट की एमआरपी कम होकर 18 रुपये रह जाएगी। लेकिन, दैनिक उपभोग की वस्तुओं के लिए 18 रुपये की कीमत हम नहीं चाहते हैं, क्योंकि भारतीय उपभोक्ता 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये की एमआरपी वाले उत्पादों की मांग करता है। कुल मिलाकर, हम इस ढांचे और उपभोक्ता व्यवहार को बिगाड़ना नहीं चाहते हैं।  उत्पादों की मात्रा बढ़ा सकती हैं कंपनियां एक अन्य एफएमसीजी कंपनी के कार्यकारी अधिकारी ने कहा, उपभोक्ताओं को लाभ देने के लिए पैकेट में वस्तुओं की मात्रा बढ़ा सकते हैं। इसका मतलब है कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद भी कीमतें नहीं घटेंगी, लेकिन पैकेट का आकार बढ़ जाएगा। इन उत्पादों की मात्रा बढ़ जाएगी।  ये भी पढ़ें:Forex Reserves:विदेशी मुद्रा भंडार 4 अरब डॉलर बढ़कर 698.27 अरब डॉलर हुआ, आरबीआई ने जारी किए आंकड़े अब इंपल्स पैक पर जोर बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल के सीएफओ रिषभ जैन के मुताबिक, कंपनी इंपल्स पैक्स में ग्रामेज बढ़ोतरी करेगी ताकि लाभ पहुंचाया जा सके। एफएमसीजी में इंपल्स पैक वह उत्पाद होता है, जिसकी पैकेजिंग अनियोजित खरीद को बढ़ावा देती है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी कहते हैं, सरकार आने वाले दिनों में ऐसे उत्पादों के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकती है, ताकि एफएमसीजी कंपनियों की ओर से अनजाने में लाभ कमाने की स्थिति से बचा जा सके। लाभ पहुंचाने से बढ़ेगी खपत डाबर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहित मल्होत्रा का कहना है कि कंपनियां निश्चित तौर पर जीएसटी दरों में कटौती के लाभ को उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगी। इससे खपत में वृद्धि होगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 13, 2025, 04:08 IST
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