जिज्ञासु व्यक्ति के जीवन में भक्ति की शुरुआत ब्रह्मज्ञान के बाद : अनिल

चंबा। संत निरंकारी सत्संग भवन मुगला में रविवार को सत्संग का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता महात्मा अनिल शर्मा ने की। इस दौरान महात्मा अनिल शर्मा ने कहा कि परमात्मा को जानने कि इच्छा रखने वाले जिज्ञासु के जीवन में भक्ति की शुरुआत ही ब्रह्मज्ञान के बाद होती है। जब सदगुरु की कृपा से जिज्ञासु को ब्रह्मज्ञान हासिल हो जाता है तो उसके सारे भ्रम मिट जाते हैं। उन्होंने कहा कि भक्ति और मजबूत करने के लिए विश्वास की बात आती है, जिसके लिए एक बहुत सरल तरीका है कि नित्य संतों की संगत करें। सत्संग में आकर अच्छे गुणों को श्रवण करें। मन का रिश्ता इस परमात्मा के साथ सुमिरन द्वारा और पक्का किया करें। जैसे-जैसे इन बातों का अभ्यास अपने जीवन में करते चलें जाते हैं तो हमारे जीवन में बदलाव आना शुरू हो जाता हैं। मीडिया प्रबंधक विनोद कुमार ने बताया कि सत्संग के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया। इसमें सैकड़ों अनुयायियों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 19, 2025, 20:43 IST
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