Punjab Rain/Flood Update: लुधियाना में धुस्सी बांध टूटा, पंजाब में बाढ़ का कहर गहराया
पंजाब में बाढ़ का संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। सतलुज दरिया का पानी लुधियाना के गांव ससराली इलाके में भारी नुकसान पहुंचा रहा है। शुक्रवार देर रात ससराली में धुस्सी बांध टूट गया, जिससे पानी तेज़ी से गांवों की तरफ बढ़ने लगा। हालात की गंभीरता को देखते हुए गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट कर 15 गांवों के लोगों को अलर्ट किया गया। उनसे कहा गया कि वे बच्चों और पशुओं के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर जाएं। प्रशासन ने तुरंत रेड अलर्ट जारी किया और एडवाइजरी में साफ कहा कि बांध पर गंभीर दबाव है। जिन गांवों पर खतरा मंडरा रहा है, उनमें ससराली, बूंट, रावत, हवास, सीड़ा, बूथबढ़, मंगली, टांडा, ढेरी, ख्वाजके, खासी खुर्द, मंगली कादर, मत्तेवाड़ा, मांगट और मेहरबान शामिल हैं। इन सभी इलाकों में पानी घुसने की आशंका जताई गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की कि वे राहों रोड, चंडीगढ़ रोड, टिब्बा रोड, कैलाश नगर, खाली कलां मंडी, खाली कलां स्कूल, भूखड़ी स्कूल, मत्तेवाड़ा स्कूल और मत्तेवाड़ा मंडी सहित बनाए गए राहत शिविरों में चले जाएं। जानकारी के अनुसार, बुधवार को धुस्सी बांध में आई दरारों की मरम्मत की गई थी, लेकिन सतलुज के तेज बहाव से नीचे से मिट्टी बहती रही। देर रात तक स्थानीय लोग बांध के किनारे डटे रहे और टूटे हिस्सों को बचाने की कोशिश करते रहे। बांध का करीब 50 प्रतिशत हिस्सा बह चुका था। सुबह होते ही पंजाब पुलिस और सेना ने आम लोगों को वहां से हटा दिया और खुद मरम्मत का काम शुरू कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना, बीएसएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं। 24-24 टीमें सेना और एनडीआरएफ की राहत कार्य में लगी हुई हैं, जबकि बीएसएफ की एक टुकड़ी भी मदद कर रही है। अब तक 21,929 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। पंजाब में बाढ़ ने किसानों पर कहर बरपा दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 1.72 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर जिले में हुआ है, जहां 40,169 हेक्टेयर खेत पानी में डूब गए। इसके अलावा फाजिल्का (18,073), मानसा (11,041), अमृतसर (26,701), बठिंडा (587), फिरोजपुर (17,221), कपूरथला (17,817), तरनतारन (12,828) समेत कई जिलों में फसलें चौपट हो गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि असली संकट पानी उतरने के बाद सामने आएगा, क्योंकि खेतों में भारी मात्रा में गाद जम गई है। इसे निकालना आसान नहीं होगा और अगर समय रहते सफाई नहीं हुई तो अगली फसल बोना बहुत मुश्किल हो जाएगा। पंजाब में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लोग लापता हैं। राज्य के करीब 19 जिलों के 384,322 लोग बाढ़ की चपेट में हैं। सरकार ने अब तक 196 राहत केंद्र बनाए हैं, जहां विस्थापित लोगों को अस्थायी ठिकाना दिया जा रहा है। बाढ़ ने लोगों के निजी जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। गुरदासपुर के गांव चौंतरा में एक युवक की शादी तय थी, लेकिन बारात से ठीक एक दिन पहले गांव में रावी दरिया का पानी भर गया। चारों तरफ पांच फीट तक पानी जमा हो गया। परिवार परेशान हो गया कि शादी कैसे होगी। तभी सेना की 270 इंजीनियर रेजीमेंट के जवान नाव लेकर पहुंचे और दूल्हे व उसके 11 रिश्तेदारों को निकालकर शादी स्थल तक पहुंचाया। लुधियाना के डीसी हिमांशु जैन ने कहा कि ससराली में तीन पॉइंट हैं, जिनमें से एक की स्थिति बेहद खराब है और उस पर तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचने और केवल प्रशासन की एडवाइजरी पर भरोसा करने की अपील की। पंजाब में इस समय बाढ़ से हालात बेहद नाजुक हैं। जहां एक तरफ लोगों की जिंदगी खतरे में है, वहीं दूसरी ओर किसानों की मेहनत भी पानी में डूब गई है। सेना और एनडीआरएफ दिन-रात राहत कार्य में जुटे हैं, लेकिन असली चुनौती पानी उतरने के बाद सामने आएगी। खेतों से गाद निकालना और फसलों को दोबारा तैयार करना किसानों के लिए आसान नहीं होगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 06, 2025, 14:30 IST
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