Lucknow News: जानकीपुरम में डरावना हुआ डायरिया, अब किशोरी ने दम तोड़ा
लखनऊ। जानकीपुरम विस्तार इलाके में फैले डायरिया ने अब किशोरी की जान ली है। बलरामपुर अस्पताल में मंगलवार देर रात इलाज दौरान सरिता (12) की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में कोताही का आरोप लगाया है। इलाके में डायरिया से दूसरी मौत बाद दहशत का माहौल है। घटना बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने इलाके का निरीक्षण किया। अफसर अभी भी स्थिति सामान्य होने का दावा कर रहे हैं।मूल रूप से बलिया निवासी उमाशंकर सिंह सेक्टर-8 में परिवार के साथ झोपड़ी में रहते हैं। बेटी सरिता और बेटे अर्जुन (15) की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने बृहस्पतिवार को उन्हें ट्रॉमा सेंटर जानकीपुरम में भर्ती कराया था। अर्जुन की हालत में सुधार हुआ, लेकिन सरिता की हालत बिगड़ती गई। मंगलवार शाम हालत गंभीर होने डॉक्टरों ने सरिता को रेफर कर दिया। शाम छह बजे उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां देर रात डेढ़ बजे सरिता ने दम तोड़ दिया। मां सरोजनी का आरोप है कि डॉक्टरों ने समय रहते रेफर नहीं किया। मां का कहना है ट्रॉमा सेंटर में हालत न सुधरने पर उन्होंने खुद बड़े अस्पताल के लिए रेफर करने की बात कही थी, लेकिन डॉक्टरों ने एक न सुनी। हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद शाम में उसे रेफर किया गया। बलरामपुर अस्पताल में सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया, मगर सरिता की जान नहीं बच सकी।--सिविल अस्पताल में भर्ती लेने से किया था मनामां सरोजनी का आरोप है जानकीपुरम ट्रॉमा से हालत बिगड़ने पर सरिता को एंबुलेंस से पहले सिविल अस्पताल ले जाया गया। बच्ची की सांस उखड़ रही थी। सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने वेंटीलेटर सपोर्ट की जरूरत बताते हुए भर्ती करने से मना कर दिया। करीब एक घंटे भटकने बाद बच्ची को बलरामपुर में भर्ती कराया गया।--सीएमओ ने किया इलाके का निरीक्षणबच्ची की मौत बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नींद टूटी। घटना बाद सीएमओ समेत नगर निगम की टीम इलाके में पहुंची। सीएमओ ने जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर व इलाके का निरीक्षण किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सीएमओ इलाके में हालात सामान्य होने की रिपोर्ट भेजकर शासन को गुमराह करते रहे। दूसरी मौत के बाद अब लोगों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति काफी आक्रोश है।--पांच दिन पहले भी हुई थी मौतजानकीपुरम सेक्टर-7 में पांच दिन पहले शनिवार को राजेश कौशल (50) की इलाज दौरान बलरामपुर अस्पताल में मौत हाे गई थी। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने डेथ ऑडिट में मौत की वजह डायरिया न बताकर दूसरी बीमारी बताई थी। इसे लेकर परिजनों ने आपत्ति जताते हुए स्वास्थ्य विभाग पर फर्जी डेट ऑडिट का आरोप लगाया था।--डेथ आडिट में मौत की वजह डायरिया नहींबलरामपुर अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़नी वाली जानकीपुरम निवासी बच्ची का डेथ ऑडिट कराया गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मरीज की मृत्यु डायरिया से नहीं हुई बल्कि सेप्टिसीमिया के साथ हाइपोवोलेमिक शॉक से हुई है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक यह एक एक जटिल बीमारी है जिसमें मरीज के पूरे शरीर में गंभीर संक्रमण (सेप्सिस) हो जाता है। खून की मात्रा में महत्वपूर्ण कमी (हाइपोवोलेमिया) होती है। ऐसे में अंग और ऊतक खराब होने लगते हैं। मृतकसरिताकीफाइल फोटो।- फोटो : अमर उजाला
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 28, 2025, 02:46 IST
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