Data Protection Bill: सरकार को अधिक नियंत्रण देने पर उठे सवाल, आईटीआई ने कहा- निवेश हो सकता है प्रभावित

लेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक-2022 का मसौदा तैयार किया है। मंत्रालय ने इस पर दो जनवरी 2023 तक आम लोगों से राय मांगी है। सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक, विधेयक में देश के बाहर डेटा के जमा करने की अनुमति का प्रावधान है। इस बीच, प्रौद्योगिकी उद्योग संगठन आईटीआई ने आशंका जताई है कि निजी डेटा के संरक्षण के लिए प्रस्तावित विधेयक-2022 के तहत कंपनियों के लिए भारत में डेटा सेंटर और डेटा प्रोसेस्ड गतिविधियों में निवेश करना मुश्किल हो सकता है। संगठन का कहना है कि यह विधेयक भारत सरकार को महत्वपूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। सरकार के लिए कई तरह की छूट हैं, जिससे कंपनियों के लिए भारत में डेटा सेंटर और डेटा प्रोसेस्ड गतिविधियों में निवेश को मुश्किल हो सकता है। आईटीआई के मुताबिक, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण के लिए मसौदा विधेयक में सरकार की डेटा ट्रस्टी को कई अनुपालन से छूट दी गई है। इनमें डेटा संग्रह के उद्देश्य के बारे में किसी व्यक्ति को सूचित करने से संबंधित प्रविधान, बच्चों के डेटा का संग्रह, सार्वजनिक व्यवस्था के आसपास जोखिम मूल्यांकन और डेटा ऑडिटर की नियुक्ति शामिल है। वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि सरकार को सिर्फ सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखना, आपात स्थिति, महामारी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों जैसी विशेष परिस्थितियों में ही छूट होगी। उन्होंने कहा कि देश के बाहर डेटा संग्रह करने की अनुमति जैसे मुद्दों पर विधेयक का समर्थन किया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 27, 2022, 22:55 IST
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