Bareilly News: अव्यवस्थित दिनचर्या बना रही बीमार, भरपूर नींद संग लें पौष्टिक आहार

बरेली। अव्यवस्थित खानपान और देर रात तक जागने की आदत से आप मानसिक और शारीरिक रोगों से ग्रसित हो सकते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक पौष्टिक आहार, हल्का व्यायाम और छह से सात घंटे की गहरी नींद लें तो इन बीमारियों से बचाव संभव है।फिजिशियन डॉ. अनुराग गौतम के मुताबिक, बीमारियों की शुरुआत दूषित खान-पान से होती है। हाजमा बिगड़ने से उल्टी, दस्त, कच्ची डकार, अल्सर, आंतों में संक्रमण आदि रोग होते हैं। शुरुआती दौर में इनका इलाज न हो तो किडनी पर असर पड़ता है। कैंसर की आशंका भी रहती है। नींद में कमी से शरीर को ऊर्जा जुटाने के लिए ज्यादा श्रम करना पड़ता है। न्यूरॉन्स भी प्रभावित होते हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है।धीरे-धीरे ये स्थिति हाइपर टेंशन बनती है। शुगर, मोटापा, आंखों में भारीपन, मानसिक भ्रम, मेमोरी लॉस, सिरदर्द आदि परेशानियां होती हैं। कई बार इन्हीं परेशानियों की वजह से आकस्मिक हार्ट अटैक की स्थिति भी बन जाती है।जीवन की गुणवत्ता के साथ घटती है उम्रमनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार के मुताबिक, विश्व में चल रहे शोधों में पता चला है कि अगर गहरी नींद न ली जाए तो इससे उम्र घटती है। त्वरित निर्णय लेने की क्षमता कम होती है। व्यवहार में अचानक बदलाव होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है।बचाव के उपायसमय पर सोने की आदत डालें। स्क्रीन टाइम कम करें। स्वस्थ दिनचर्या रखें। बाहर के कटे फल न खाएं। दूषित पानी न पीयें। नियमित योग और व्यायाम करें। चिकित्सक से भी परामर्श ले सकते हैं।--बढ़ रहे मरीज, पर इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक ही नहीं- बीते दस वर्षों में आठ गुना बढ़ गए हैं मरीज, सुविधाएं जस की तसबरेली। बीते एक दशक में सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़े हैं, पर उनके संचालन के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक ही नहीं हैं। शासन से स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनाती आधी भी नहीं है। आठ साल से तीन सौ बेड अस्पताल पूरी क्षमता से संचालन की बाट जोह रहा है। अस्पताल में करीब 30 करोड़ रुपये के जीवन रक्षक उपकरण धूल फांक रहे हैं। जिला अस्पताल में बने ट्रामा सेंटर को भी दो साल से संचालन का इंतजार है। करीब सौ आरोग्य मंदिर भी खाली हैं। रिठौरा में सीएचसी भवन को भी तीन साल से संचालन का इंतजार है। अधिकारियों का दावा है कि शासन से चिकित्सक मांगे जा रहे हैं, पर अब तक कोई ठोस जबाव नहीं मिला है। संविदा पर एमबीबीएस चिकित्सकों की भर्ती हो रही है, पर विशेषज्ञों की कमी बरकरार है।ये है स्थितिजिला अस्पताल में 37 स्वीकृत पदों के सापेक्ष सिर्फ 19 विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। हृदय, गुर्दा, दंत रोग सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। महिला अस्पताल में 12 के सापेक्ष छह विशेषज्ञ महिला चिकित्सक हैं। जिले की किसी भी सीएचसी, पीएचसी पर स्वीकृत पद के सापेक्ष चिकित्सकों की तैनाती पूरी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग में 237 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 163 चिकित्सक ही तैनात हैं।--सीमित संसाधनों में बेहतर चिकित्सा सेवा मुहैया कराने का प्रयास है। साक्षात्कार के जरिये चिकित्सकों की संविदा पर भर्ती हो रही है। जरूरत के अनुसार उन्हें केंद्रों पर तैनाती दे रहे हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक के संबंध में शासन को पत्र भेज रहे हैं। - डॉ. विश्राम सिंह, सीएमओ

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 07, 2025, 02:43 IST
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