India Army: डीआरडीओ ने नई स्वदेशी तकनीकें भारतीय सशस्त्र बलों को सौंपीं, बढ़ेगा आत्मनिर्भरता और सुरक्षा क्षमता
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (टीडीएफ) के तहत विकसित सात महत्वपूर्ण स्वदेशी तकनीकें भारतीय सशस्त्र बलों को सौंप दी हैं। ये तकनीकें नौसेना, वायुसेना और थलसेना की संचालन क्षमता बढ़ाने और देश की रक्षा प्रणाली में आत्मनिर्भरता को मजबूती देने के लिए तैयार की गई हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 7 नई स्वदेशी तकनीकों में एयरबोर्न सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर्स के लिए स्वदेशी हाई-वोल्टेज पावर सप्लाई, नौसैनिक जेटियों के लिए टाइड-इफिशिएंट गैंगवे, वीएलएफ-एचएफ स्विचिंग मैट्रिक्स सिस्टम, पानी के भीतर प्लेटफॉर्म्स के लिए वीएलएफ लूप एरियल्स, तेज इंटरसेप्टर नौकाओं के लिए वाटरजेट प्रोपल्शन सिस्टम, उपयोग की गई लिथियम-आयन बैटरियों से लिथियम पुनर्प्राप्ति की नई प्रक्रिया, और दीर्घायु समुद्री जल बैटरी सिस्टम, जो पानी के भीतर निगरानी और सेंसरिंग में बेहद उपयोगी होगा, शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि इन तकनीकों को भारतीय रक्षा उद्योगों ने डीआरडीओ के साथ मिलकर डिजाइन, विकसित और व्यापक परीक्षणों के बाद तैयार किया है। ये भी पढ़ें:-चिंता: कंपनियों का एकाधिकार तोड़े भारत वरना अगला संकट होगा और भयावह, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की बड़ी चेतावनी 12 नए प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी कमेटी ने रणनीतिक, एयरोस्पेस, नौसैनिक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीकों से जुड़े 12 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी भी दी। मंत्रालय ने कहा कि ये स्वीकृतियां उभरते तकनीकी क्षेत्रों में देश की क्षमताएं बढ़ाने और विदेशी निर्भरता कम करने पर सरकार के निरंतर फोकस को दर्शाती हैं। समीर वी कामत ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा नवाचार को तेज गति से आगे बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। ये भी पढ़ें:-IndiGo: सबसे बड़ी एयरलाइन पर 21,000 करोड़ की चोट, आसमान की बादशाहत से संकट के गहरे भंवर में फंस गई इंडिगो
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 07, 2025, 08:59 IST
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