दवा मार्केटेड कंपनियों पर सख्ती: बिना लाइसेंस उत्पाद बेचने पर रोक की तैयारी; हर कंपनी को लेना होगा अलग परमिट

देश में दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। पहली बार दवा मार्केटिंग कंपनियों पर भी लाइसेंस का नियम लागू होगा। ये वही कंपनियां हैं जो अपनी दवाइयों को मार्केटेड वाय शब्द का इस्तेमाल करते हुए बेचती हैं। औषधि परामर्शदात्री समिति ने सिफारिश की है कि अब कोई भी मार्केटर बिना लाइसेंस दवा बाजार में नहीं बेच सकेगा। मार्केटर मतलब वह कंपनी जो खुद दवा नहीं बनाती, लेकिन अपने नाम से बाजार में बेचती है। अभी तक सिर्फ निर्माण कंपनियों पर सीधा नियमन होता है लेकिन दवा को मार्केट करने वाली कंपनियां किसी नियंत्रण ढांचे में नहीं आती। ये खुद दवा नहीं बनातीं, लेकिन उनके नाम से हजारों ब्रांड बाजार में उपलब्ध हैं। सरकार के पास इनका कोई केंद्रीकृत रिकॉर्ड नहीं है। ये भी पढ़ें:-Op Sagar Bandhu: IAF ने जर्मनी-यूके सहित कई देशों के लोगों को चक्रवात से निकाला; तेज रेस्क्यू से बढ़ी उम्मीदें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि समिति की सिफारिश के आधार पर जल्द ही केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ड्राफ्ट नोटिफिकेशन तैयार करेगा जिसे राज्यों और उद्योग संगठनों के साथ साझा किया जाएगा। अंतिम मंजूरी के बाद यह नियम पूरे देश में लागू हो जाएगा। ऐसे बदलेगा सिस्टम समिति के वरिष्ठ सदस्य ने नए प्रावधानों के बारे में बताया कि अब हर दवा मार्केटिंग कंपनी को अलग लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। लाइसेंस में कंपनी का पता, बोर्ड, जिम्मेदार अधिकारी जैसी पूरी जानकारी देनी होगी। कंपनी को अपने सभी मार्केटेड ब्रांडों की सूची सरकार को देनी होगी। इससे ट्रेसिंग आसान होगी। इससे दवा में गुणवत्ता गड़बड़ी हो तो जिम्मेदारी तय की जा सकेगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 01, 2025, 02:12 IST
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