Dushyant Kumar Shayari: दुष्यंत कुमार की ग़ज़लों से चुनिंदा शेर
आगे निकल गए हैं घिसटते हुए क़दम राहों में रह गए हैं निशाँ और भी ख़राब माथे पे रख के हाथ बहुत सोचते हो तुम गंगा क़सम बताओ हमें क्या है माजरा
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 29, 2022, 14:33 IST
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