Ethanol Petrol Explained: इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल से तेल के आयात पर कम होगी निर्भरता, प्रदूषण से मिलेगी राहत

वाहनों के इंजन में खराबी के दावों के बीच भारत ने 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल यानी ई-20 का लक्ष्य समय से पांच साल पहले ही पूरा कर लिया है। अगस्त में हासिल लक्ष्य के बाद सरकार की तैयारी वर्ष 2027 तक 27% इथेनॉल मिश्रण की है। सरकार जहां इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के फायदे गिना रही है, वहीं एक वर्ग का कहना है कि ई-20 पेट्रोल वाहनों के इंजन को खराब कर रही है, जिससे माइलेज घट रहा है। इन चिंताओं से इतर विशेषज्ञों का मानना है कि ई-20 पेट्रोल तेल आयात पर निर्भरता घटाएगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और प्रदूषण कम करने में भी अहम योगदान देगा। पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण भारत में व्यावहारिक रणनीति के तौर पर उभर रहा है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है। ई-20 पेट्रोल वाहनों की सेहत के लिए कितना अच्छा है या कितना खराब, यह जानने के लिए सबसे पहले तो यह समझना होगा कि आखिर यह है क्या इसे 80% सामान्य पेट्रोल और 20% इथेनॉल मिलाकर तैयार किया जाता है। इथेनॉल का उत्पादन गन्ना, मक्का और अन्य कृषि उत्पादों से किया जाता है, जिनमें फसलों के अवशेष या पराली शामिल हैं। भारत अपनी कुल जरूरत का करीब 85% कच्चा तेल आयात करता है। जाहिर है कि इथेनॉल का मिश्रण किया जाएगा, तो आयात पर निर्भरता घटेगी और बिल कम होगा। इसे ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी अहम कदम माना जा रहा है। ब्राजील ने 1973 में ओपेक प्रतिबंध के कारण इथेनॉल की ओर रुख किया था। उस संकट ने एक लचीले ईंधन मॉडल को जन्म दिया, जो आज भी ब्राजील के लिए बड़ी सफलता बना हुआ है। यह सुझाव भी दिया जाता है कि पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाई जानी चाहिए। भारत में ऐसा ही हुआ है। पहले 5%, फिर 10 और उसके बाद 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की अनुमति दी गई। 2027 तक इसे 27 फीसदी करने का लक्ष्य है, हालांकि यह कोई सख्त सरकारी समय सीमा नहीं है। सरकार के विचाराधीन यह एक रोडमैप का हिस्सा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 08, 2025, 08:41 IST
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