Himachal : शिक्षा मंत्री बोले- पारदर्शी नीति अपनाकर किया शिक्षकों का चयन, मूल्यांकन के साथ साक्षात्कार भी किए
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन प्रेरणादायक रहा है, उन्होंने शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता देने और उसे सुदृढ़ बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक पुरस्कार के लिए पहली बार पारदर्शी नीति अपनाई गई है, जिसमें मौके पर ही मूल्यांकन के साथ-साथ साक्षात्कार भी किए गए। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की। जहां 1947 में राज्य की साक्षरता दर मात्र 7 प्रतिशत थी, आज जल्द ही सौ प्रतिशत हो जाएगी। इसमें सभी सरकारों का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि पहली बार तकनीकी शिक्षा, कॉलेज और प्राचार्यों को भी राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं, जो नई शुरूआत है। सरकार ने गुणात्मक शिक्षा की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। नवीनतम राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2025 यानी परख ने हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर समग्र रैंकिंग में 5वें स्थान पर रखा है। प्रदेश सरकार ने प्रथम कक्षा से अंग्रजी को पढ़ाना शामिल किया है। प्रदेश में 6000 से अधिक शिक्षकों को नियुक्तियां दी गई हैं। आज स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देने के साथ-साथ इको सिस्टम विषय, शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट में विदेश भेजने, शिक्षकों की इनडक्शन ट्रेनिंग, विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट ड्रेस के लिए प्रधानाचार्यों को अधिकृत करना इत्यादि अनेक प्रयास हैं जिससे शिक्षा क्षेत्र को उन्नत किया जा सके।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 05, 2025, 20:33 IST
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