Umaria News: टाइगर रिजर्व से गांव पहुंचा हाथियों का दल,खेतों में मचाई तबाही; कड़ी मशक्कत के बाद मिली राहत

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला कोर क्षेत्र से निकलकर चार जंगली हाथी शुक्रवार रात मानपुर बफर परिक्षेत्र के मझखेता गांव में पहुंच गए। हाथियों के अचानक गांव की ओर रुख करने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। बताया गया कि हाथियों ने गांव से सटे खेतों में खड़ी धान की फसल को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया। बढ़ती हाथियों की आवाजाही पिछले कुछ वर्षों से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों का झुंड भोजन और पानी की तलाश में कई बार कोर एरिया से बाहर निकलकर गांवों की तरफ आ जाता है। कभी ये हाथी खेतों में फसल उजाड़ देते हैं, तो कभी घरों के पास पहुंच जाने से ग्रामीणों की जान पर भी खतरा मंडराता है। यही वजह है कि स्थानीय लोगों में हाथियों की मौजूदगी को लेकर हमेशा डर का माहौल रहता है। हाथियों के आने से मचा हड़कंप शुक्रवार रात जब हाथियों का झुंड मझखेता गांव की तरफ बढ़ा तो ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी। देखते ही देखते दर्जनों लोग घरों से बाहर निकल आए। किसी ने मशाल जलाई, तो किसी ने टीन बजाना शुरू किया। गांव के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर शोर मचाने लगे ताकि हाथी डरकर लौट जाएं। वन विभाग और हाथी मित्र दल की तैनाती सूचना मिलते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम और हाथी मित्र दल मौके पर पहुंच गए। मानपुर बफर परिक्षेत्र के अधिकारी मुकेश अहिरवार के नेतृत्व में बीस से अधिक कर्मचारी दो गाड़ियों में गांव पहुंचे। टीम ने सायरन बजाए, आग जलाई और आवाजें निकालकर हाथियों को जंगल की ओर भगाने का प्रयास किया। ग्रामीणों और टीम की इस संयुक्त कोशिश के बावजूद हाथी लगातार खेतों में डटे रहे। उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए वन विभाग ने चारों ओर से घेराबंदी की और धीरे-धीरे उन्हें वापस जंगल की ओर खदेड़ा। चार घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन अधिकारी मुकेश अहिरवार ने बताया कि हाथियों को खदेड़ने में पूरी टीम को करीब चार घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार आधी रात के बाद हाथियों को सुरक्षित तरीके से कोर एरिया की ओर भेजा गया। फिलहाल वन विभाग की टीम उनकी गतिविधियों पर निगरानी रख रही है ताकि वे दोबारा गांव की तरफ न लौटें। किसानों की चिंता हाथियों की इस आमद से मझखेता गांव के किसान खासे परेशान हैं। उनका कहना है कि धान की फसल पहले से ही मौसम की मार झेल रही है और अब जंगली जानवरों के हमले से भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने मांग की है कि फसलों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए और हाथियों को नियंत्रित करने के स्थायी उपाय किए जाएं। ये भी पढ़ें-MP News: टोल प्लाजा पर क्यों हो रहे विवाद ट्रैफिक प्रधान आरक्षक बताई वजह, फास्टैग को लेकर आया नया नियम, Video आगे की रणनीति वन विभाग के अधिकारी मानते हैं कि हाथियों की संख्या में वृद्धि से भविष्य में ऐसे मामले और भी बढ़ सकते हैं। इसके लिए विभाग ने गांवों में हाथी मित्र दल को और सक्रिय करने की योजना बनाई है। साथ ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि हाथी दिखने पर अफरा-तफरी न मचाएं, बल्कि तुरंत विभाग को सूचना दें। मझखेता गांव की यह घटना एक बार फिर इस बात का संकेत देती है कि जंगल और गांव की सीमाएं धीरे-धीरे धुंधली होती जा रही हैं। जहां एक ओर जंगली जीवों की सुरक्षा जरूरी है, वहीं दूसरी ओर किसानों और ग्रामीणों की सुरक्षा और आजीविका भी दांव पर है। ऐसे में जरूरत है कि वन विभाग, प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर कोई ऐसा स्थायी समाधान तलाशें जिससे मानव और वन्य जीवों के बीच टकराव कम हो सके। ये भी पढ़ें-Uma Bharti: 'अभी 65 की नहीं हुई', क्या फिर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं पूर्व सीएम बयान के निकल रहे कई मायने

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 30, 2025, 13:22 IST
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