Fahmi Badayuni Poetry: वो कहीं था कहीं दिखाई दिया ,मैं जहाँ था वहीं दिखाई दिया
वो कहीं था कहीं दिखाई दिया मैं जहाँ था वहीं दिखाई दिया ख़्वाब में इक हसीं दिखाई दिया वो भी पर्दा-नशीं दिखाई दिया जब तलक तू नहीं दिखाई दिया घर कहीं का कहीं दिखाई दिया रोज़ चेहरे ने आइने बदले जो नहीं था नहीं दिखाई दिया बद-मज़ा क्यूँ हैं आसमाँ वाले मैं ज़मीं था ज़मीं दिखाई दिया उस को ले कर चली गई गाड़ी फिर हमें कुछ नहीं दिखाई दिया
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 28, 2023, 17:52 IST
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