Karnal News: फर्जी खेल संगठनों पर लगेगी रोक

- विभाग के मुख्यालय में की जा रही तैयारी, जिला कार्यालयों से मांगी जानकारीसंवाद न्यूज एजेंसीकरनाल। अगर खिलाड़ी ऐसे फर्जी खेल संगठन से प्रशिक्षण ले रहे हैं, जो खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के मानकों पर खरा नहीं उतरता तो उन्हें अब सतर्क रहना होगा। मुख्यालय की ओर से हर जिला स्तर पर ऐसे फर्जी खेल संगठन को चिन्हित करने का कार्य किया जाएगा जो खिलाड़ियों को गुमराह कर पैसे ऐंठने का काम कर रहे हैं। अक्सर देखने में आ रहा है कि जिले में एक खेल की दो-दो फेडरेशन संचालित की जा रही हैं। खिलाड़ी भी इस असमंजस में रहते हैं कि कौन सी फेडरेशन को मान्यता प्राप्त है और किसे नहीं। अब मुख्यालय से ऐसी फेडरेशन पर सख्त एक्शन लेने की योजना बनाई जा रही है। यही नहीं खेल संघों को काउंसिल में पंजीकरण करवाना होगा। जिसे विभाग की ओर से तीन साल के लिए मान्यता दी जाएगी। बिना मान्यता खेल करवाने वाली एसोसिएशन पर विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई करते हुए 50 हजार से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा, जो क्षेत्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के संघ पर होगा। इसके लिए विभाग की ओर से प्रक्रिया शुरू की जा रही है। हर जिले में खेल संघों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। यह खासकर उन खेलों पर ज्यादा असरदार होगा जो गैर ओलिंपिक खेल हैं व उनकी एक नहीं कई-कई एसोसिएशन हैं। जिस कारण खिलाड़ियों का समय और अभिभावकों को आर्थिक चपत लगती है। खेल संघों को मान्यता देने के लिए हरियाणा खेल पंजीकरण परिषद और क्षेत्रीय खेल पंजीकरण परिषद बनाई जाएंगी, जिसमें खेल निदेशक सदस्य सचिव होंगे। राज्य स्तर के सभी खेल संघों को इस काउंसिल में पंजीकरण करवाना होगा। अक्सर देखने में आता है कि जिला खेल अधिकारी के पास भी दूसरे प्रदेशों में जाने वाले खिलाड़ियों की सटीक जानकारी नहीं होती। इसके लिए उन्हें भी संबंधित खेल के कोच से जानकारी जुटानी पड़ती है। ग्रेडेशन और कैश अवार्ड से खिलाड़ी रहते हैं वंचित फेडरेशन के खिलाड़ी पदक जीतकर जब जिला कार्यालय में ग्रेडेशन और कैश अवार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो उनमें से कई खिलाड़ियों को यह सुविधा नहीं मिल पाती। बाद में इन खिलाड़ियों को पता चलता है कि उनके साथ धोखा हुआ है लेकिन तब तक वह अपने कीमती समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठा चुका होता है। गैर मान्यता प्राप्त खेल संगठनों पर लगेगी लगामगैर मान्यता खेल संघों के खिलाड़ियों को नौकरियों में प्राथमिकता नहीं दी जाती। कर्ण स्टेडियम के मुख्य कोच सुरेंद्र चौहान, ओंकार सिंह, कंवलजीत सिंह, अश्विनी कुमार, वजीर सिंह, सतीश पंघाल व पुनीत का कहना है कि यह व्यवस्था लागू होने से गैर मान्यता प्राप्त खेल संगठनों पर लगाम लगेगी। जिससे वह किसी तरह की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं कर सकेगा। इसी तरह खेल संघों को क्षेत्रीय स्तर पर मान्यता के लिए मंडलायुक्त स्तर के अधिकारी की अगुवाई में क्षेत्रीय खेल रजिस्ट्रेशन काउंसिल बनाई जाएंगी। जिले के उपायुक्त इसमें सदस्य होंगे, जिला खेल अधिकारी को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी दी जाएगी।जिले में मनमाने तरीके से चल रहे फर्जी खेल संगठनों पर रोक लगाने के लिए मुख्यालय की ओर से यह रणनीति तैयार की गई है। फर्जी खेल संगठन बनाकर खिलाड़ियों व अभिभावकों को गुमराह किया जाता है। विभाग अब उन्हीं खेल संगठनों को मान्यता देगा तो सभी तय मानक पूरे करेंगे। - सुधा भसीन जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी, करनाल

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 24, 2024, 07:19 IST
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