गोरखधंधा : नकली वीजा से यात्री को भेजा इटली, भगोड़ा एजेंट 18 साल बाद आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार

आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने नकली वीजा के जरिए एक यात्री को इटली भेजने वाले पंजाब के एजेंट को 18 साल बाद दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इस मामले में अदालत ने एजेंट को भगोड़ा करार दिया था। आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। गिरफ्तार एजेंट की पहचान गांव नांगल लुभाना कपूरथला पंजाब निवासी भूपेंद्रजीत सिंह उर्फ लकी (44) के रूप में हुई है। एयरपोर्ट की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 2 जुलाई 2007 को इटली से निर्वासित यात्री महेश सिंह आपातकालीन प्रमाण पत्र के साथ दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचा था। जांच में पता चला कि उसके पास पासपोर्ट मौजूद नहीं होने के कारण उसे इतालवी हवाई अड्डे पर प्रवेश नहीं करने दिया गया। उसने अपना असली नाम प्रदीप कुमार बताया और कहा कि वह 30 जून 2007 को नकली इतालवी वीजा का इस्तेमाल कर इटली जाने के लिए रवाना हुआ था। एजेंट के निर्देश पर उड़ान के दौरान अपना पासपोर्ट नष्ट कर दिया। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने यात्री के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। प्रदीप ने बताया कि इटली में उसके कुछ रिश्तेदार पहले से रह रहे थे। इस दौरान वह एजेंट भूपेंद्रजीत सिंह उर्फ लकी के संपर्क में आया। उसने 8 लाख रुपये में उसे इटली भेजने और वहां नौकरी की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। एजेंट ने एक जाली इतालवी वीजा की व्यवस्था कर उसके पासपोर्ट पर चिपका दिया। आईजीआई एयरपोर्ट से वह इटली के लिए रवाना हो गया। उसके बाद एजेंट के निर्देश पर उसने नकली वीजा की पहचान से बचने के लिए असली पासपोर्ट नष्ट कर दिया। एजेंट की ओर से उसे कहा गया था कि इटली के इमिग्रेशन अधिकारियों से पासपोर्ट खोने की बात कहना है। साथ ही अपनी पहचान मनदीप सिंह के रूप में बतानी है, लेकिन इमिग्रेसन अधिकारियों ने उसे इटली में प्रवेश देने से मना कर दिया और बाद में उसे आपातकालीन प्रमाणपत्र पर भारत भेज दिया। पुलिस ने यात्री के निशानदेही पर एजेंट की गिरफ्तारी के लिए उसके कई ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह पुलिस की पकड़ में नहीं आया। 2012 में पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे भगोड़ा करार दिया।पुलिस टीम ने जांच के बाद 17 अप्रैल को भूपेंद्रजीत सिंह उर्फ लकी को दिल्ली के एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। असली वीजा का आवेदन खारिज होने पर नकली बनवाया उसने बताया कि वह कई सालों से एजेंट के रूप में काम कर रहा था जो टिकट बुकिंग और विभिन्न देशों के वीजा प्रदान करने का काम करता है। 2007 में प्रदीप ने इटली जाने के लिए उससे संपर्क किया। उसने यात्री के लिए कई बार असली इतालवी वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन सभी आवेदन खारिज कर दिए गए। इसके बाद उसने एक नकली इतालवी वीजा हासिल किया और इसे यात्री के पासपोर्ट पर चिपका दिया। उसने बताया कि नकली वीजा का पता लगाने से बचने के लिए यात्री को उड़ान के दौरान अपना पासपोर्ट नष्ट करने का निर्देश दिया था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 20, 2025, 04:14 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




गोरखधंधा : नकली वीजा से यात्री को भेजा इटली, भगोड़ा एजेंट 18 साल बाद आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार #CityStates #DelhiNcr #Delhi #VisaAgent #Fraud #SubahSamachar