Urdu Poetry: रह गए लाखों कलेजा थाम कर, आँख जिस जानिब तुम्हारी उठ गई

अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 02, 2025, 16:40 IST
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