Rajasthan: एसआई भर्ती परीक्षा घोटाला मामले में फतेहगढ़ के SDM हनुमान राम गिरफ्तार, एसओजी कर रही पूछताछ; जानें
राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर छाया संदेह और गड़बड़ियों का साया एक बार फिर सच साबित होता दिख रहा है। इस बार मामला केवल अभ्यर्थियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सीधे प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंच चुका है। जैसलमेर के फतेहगढ़ में तैनात उपखण्ड अधिकारी (SDM) हनुमान राम को एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बुधवार तड़के जयपुर से आई SOG टीम ने हिरासत में लिया है। अब उन्हें जयपुर ले जाया गया है, जहां मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है। जांच की शुरुआत: मास्टरमाइंड दंपती की गिरफ्तारी से खुला बड़ा रैकेट इस पूरे मामले की शुरुआत तीन दिन पहले हुई, जब जोधपुर रेंज पुलिस की साइक्लोनर टीम ने एक विशेष अभियान ऑपरेशन तर्पण चलाकर पेपर लीक के मास्टरमाइंड नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार किया। नरपतराम को गोवा में एक वाइन शॉप के पास से दबोचा गया, जबकि उसकी पत्नी जोधपुर में पाल रोड क्षेत्र के खेमे का कुआं इलाके में पहचान छिपाकर रह रही थी। उसे भागने से पहले ही पकड़ लिया गया। पढ़ें:पानी की समस्या पर वसुंधरा की नाराजगी का असर, केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को किया तलब; जानें इस गिरफ्तारी के बाद जब दोनों से पूछताछ की गई, तो एक चौंकाने वाला नाम सामने आया SDM हनुमान राम विरड़ा का। सूत्रों की मानें तो नरपतराम और इंद्रा दोनों ने पूछताछ में हनुमान राम के साथ संबंध और इस घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर जानकारी दी, जिसके आधार पर SOG की टीम ने तत्काल एक्शन लेते हुए फतेहगढ़ से SDM को गिरफ्तार कर लिया। हरखू जाट से खुला राज, नाम जुड़ते गए SOG की इस लंबी जांच की शुरुआत एक फर्जीवाड़े से पास हुए अभ्यर्थी हरखू जाट की गिरफ्तारी से हुई थी। हरखू ने अपनी कस्टडी के दौरान जो नाम बताए, उनमें सबसे अहम था नरपतराम, जो इस पूरे नेटवर्क का सूत्रधार निकला। नरपतराम की गिरफ्तारी के बाद मामले ने और गंभीर रूप ले लिया, जब यह पता चला कि इसमें सरकारी अधिकारी और प्रशासनिक स्तर के लोग भी शामिल हो सकते हैं। पढ़ें:ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी से निलंबित करना सिर्फ नाटक, गिरफ्तारी होनी चाहिए'BJP पर बिफरे डोटासरा कौन हैं SDM हनुमान राम संघर्षों से सफलता तक की कहानी हनुमान राम विरड़ा का नाम सुनते ही सबसे पहले एक मेहनती और संघर्षशील युवा की छवि सामने आती है। वे बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव बिसारणियां के निवासी हैं। एक साधारण किसान परिवार से आने वाले हनुमान राम ने 2016 में भाटिया आश्रम सूरतगढ़ से RAS की तैयारी शुरू की थी। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2018 में उन्हें सांख्यिकी विभाग में संगणक के पद पर सरकारी नौकरी मिली, लेकिन उन्होंने RAS की तैयारी जारी रखी। आखिरकार, सितंबर 2021 की RAS परीक्षा में उन्होंने 22वीं रैंक हासिल की और प्रशासनिक सेवा में उनका चयन हुआ। उनकी पहली पोस्टिंग 13 फरवरी 2023 को जालोर के चितलवाना में SDM के रूप में हुई। इसके बाद वे बागोड़ा (सांचोर) और शिव में SDM के पद पर रहे। 11 फरवरी 2025 को उन्होंने जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ में SDM पद का कार्यभार संभाला। अब सवाल उठ रहे हैं: क्या संघर्ष की यह कहानी थी सिर्फ दिखावा हनुमान राम की यह गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक संपूर्ण सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही है। क्या एक अधिकारी जिसने संघर्ष कर परीक्षा पास की, वही अब परीक्षा में फर्जीवाड़े का हिस्सा बन गया या क्या उसका नाम सिर्फ बदनाम करने के लिए लिया गया है इस पर अभी जांच जारी है। SOG ने इस पूरे मामले को संवेदनशील मानते हुए हनुमान राम को तुरंत हिरासत में लिया और जयपुर मुख्यालय में उनसे गहन पूछताछ शुरू की है। अब यह जांच कई और परतें खोलेगी, और हो सकता है कि इस रैकेट में और भी बड़े नाम सामने आएं। राज्य सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जल्द ही कुछ और अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 09, 2025, 21:20 IST
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