Kullu News: बाढ़ का खौफ... नींद नहीं आई तो रात को चले गए रिश्तेदारों के घर
ब्यास और मनालसु नाला की उफनती लहरों ने मनाली से कुल्लू तक उड़ाई लोगों की नींदरात के अंधेरे में सामान समेटकर रिश्तेदारों और किराये के कमरों में शरण लेने पहुंचे लोगबोले- 2023 की बाढ़ से भी भयानक था मंजर, डराने वाला था ब्यास की लहरों का शोरसंवाद न्यूज एजेंसीमनाली। पर्यटन नगरी मनाली से कुल्लू तक ब्यास और मनालसु नाला की उफनती लहरों ने रात की नींद और दिन की शांति छीन ली है। 2023 की प्रलयकारी बाढ़ के जख्म अभी भरे नहीं थे कि इस साल का कहर और भी भयानक रूप में लौट आया। कई इलाकों में घर खाली करवाए गए, लोग रात के अंधेरे में सामान समेटकर रिश्तेदारों और किराये के कमरों में शरण लेने को मजबूर हुए। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है लेकिन जनता का भरोसा डगमगाया हुआ है। उफनती ब्यास की लहरों के शोर ने पलचान से कुल्लू तक के दायरे में खौफ पैदा कर दिया है। लगातार बारिश होने से लोग कई रात सो नहीं पाए। नदी के पास बसे लोग 24 ओर 25 अगस्त की आधी रात को सुरक्षित स्थानों की ओर गए थे। कुल्लू से मनाली तक कई इलाके खतरे की जद में आ गए हैं। बाहंग से पतलीकूहल के कई इलाकों को मनाली प्रशासन ने खाली करवा दिया है। बाहंग, आलू ग्राउंड, क्लाथ, 15 मील, 14 मील के कई लोगों ने मकान खाली कर सामान सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है। बाहंग के भोला राम ने बताया कि रात से भी ब्यास उफान पर है। इसके चलते वह सो नहीं पाए। रात को ही रिश्तेदार के घर चले गए थे। ब्यास का शोर डराने वाला है। बनिता ने बताया कि उन्होंने सुरक्षित जगह एक कमरे में रात गुजारी। 2023 की बाढ़ के दौरान भी ब्यास में इतना अधिक जलस्तर नहीं था। एसडीएम रमण कुमार शर्मा ने बताया कि मनालसु नाला का जलस्तर सबसे अधिक है। यह नाला ब्यास में मिलता है। इससे नदी का जलस्तर 2023 की बाढ़ से भी ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। रिहायशी इलाके खाली करवा दिए हैं। लोगों और पर्यटकों को सलाह दी है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं। --अब नुकसान का जायजा लेने में जुटे नेता नुकसान के बाद अब नेता जायजा लेने में जुट गए हैं। पक्ष हो या विपक्ष सभी नेता पहुंचकर प्रभावितों को आश्वासन दे रहे हैं। आश्वासन 2023 की बाढ़ के दौरान भी दिए थे लेकिन धरातल पर कोई खास काम नहीं हुआ। बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरे करते नेताओं के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे है। लोगों की मानें तो ब्यास का तटीकरण बेहद जरूरी है। आजतक इस पर किसी भी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। बड़े-बड़े प्रोजेक्ट फाइलों में बनते रहे। अब परिणाम सबके सामने है।--
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 28, 2025, 22:10 IST
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