UP News: लखीमपुर खीरी में खाद की किल्लत, डीएपी की मांग पर किसानों को थमाई जा रही एनपीके

लखीमपुर खीरी जिले में खाद को लेकर एक बड़ा खेल चल रहा है। मौजूदा समय में डीएपी की मांग है, लेकिन समितियों पर किसानों को एनपीके थमाई जा रही है, जो डीएपी से चार से पांच रुपये महंगी है। समितियों पर स्टॉक की कमी बताकर किसानों को एनपीके खरीदने के लिए मजबूरन किया जा रहा है। पड़ताल में यह सच्चाई सामने आई। प्राथमिक सहकारी समिति व राजापुर बैनी में डीएपी नहीं है, जबकि एनपीके है। बी-पैक्स रमियाबेहड में एनपीके है, डीएपी व यूरिया नहीं है। लखाही और कलुआकोट में डीएपी है। अमीरनगर समिति पर 1200 बोरी एनपीके है, लेकिन डीएपी नहीं है। बहुउद्देश्यीय समिति खमरिया में एक महीने से डीएपी नहीं है। सचिव अनुपम ने बताया कि एनपीके 450 बोरी है। डीएपी की डिमांड गई है। बी-पैक्स पसगवां में यूरिया, एनपीके व डीएपी नहीं है। किसानों को बिना खाद के लौटना पड़ता है। उचौलिया के सहकारी समिति वनकागांव में एनपीके 250 बोरी है। करीब नौ सौ बोरी डीएपी बांटी गई थी। मैगलगंज की सहकारी समिति में न तो डीएपी है और न ही एनपीके। किसानों को सिर्फ यूरिया ही मिल पा रही है। किसानों ने बताया कि रबी फसलों के लिए डीएपी की ज्यादा जरूरत है, लेकिन स्टॉक न होने से बात कहकर उनको लौटा दिया जाता है। सचिव विनोद चौधरी ने बताया कि तीन दिनों से डीएपी व एपीके नहीं है। मांग की गई है। धौरहरा में चकलाखीपुर, जंगल वाली नैनापुर, सुजानपुर, परौरी आदि समितियों पर डीएपी नहीं है, जबकि एनपीके है। डीएपी न होने पर किसान मजबूरन महंगे दामों पर एनपीके खरीदने के लिए मजबूर हैं। धौरहरा समिति के सचिव शिवा त्रिवेदी ने बताया कि डीएपी आ गई है। मशीन में चढ़ाने के बाद उसका वितरण किया जाएगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 02, 2025, 23:08 IST
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