फिरोजपुर में बाढ़ का खतरा: कुदरत के कहर के आगे चट्टान सा हौसला लिए डटे ग्रामीण, बांध की मजबूती में जुटे
फिरोजपुर के गांव अलीके और हबीबके की तरफ से धुस्सी बांध काफी कमजोर पड़ गया है। कुदरत के कहर के बावजूद यहां के ग्रामीणों का हौसला चट्टान सा है। ग्रामीणों का कहना है कि रब का कहर है, इसके आगे किसी का जोर नहीं है लेकिन वे बांध की मजबूती के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं। इस कार्य में गांव के छोटे बच्चे व महिलाएं जुटी हैं। ग्रामीण सुखविंदर सिंह ने बताया कि सतलुज दरिया में लगभग 30 से 35 फुट गहरा पानी भरा है। गांव के लोग बांध की मजबूती के लिए मिट्टी से भरे बैग बांध के साथ-साथ लगा रहे हैं। यदि बांध को मजबूत नहीं किया गया तो रात गुजारनी बड़ी मुश्किल है। इस बांध के टूटने से सीमावर्ती गांव के लोगों को तो नुकसान होगा ही लेकिन बांध से दो किलोमीटर की दूरी पर फिरोजपुर शहर बसा हुआ है। पूरा फिरोजपुर शहर पानी में डूब जाएगा। ग्रामीण तरसेम सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा। ग्रामीण शनिवार की रात से मिट्टी के भरे बैग भरकर लगा रहे हैं। कुछ बीएसएफ के जवान उनके साथ मदद कर रहे हैं। ग्रामीणों की अपील है कि फिरोजपुर के लोग भी बांध पर पहुंचकर उनकी मदद करें। बांध को मजबूत करने में अपना सहयोग दें यदि बांध टूटता है तो फिरोजपुर को बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। 1988 से भी ज्यादा नुकसान फिरोजपुर को होगा। गुरदर्शन सिंह ने बताया कि शनिवार रात से लोग बांध मजबूत कर रहे हैं, जिला प्रशासन का कोई अधिकारी व ड्रेनेज विभाग का इंजीनियर नहीं पहुंचा है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 01, 2025, 09:55 IST
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