पंजाब में बाढ़ लील गई कई जिंदगियां, सेना ने 15 दिन की बच्ची संग मां को बचाया
पंजाब इन दिनों बाढ़ की भीषण त्रासदी से गुजर रहा है। भारी बारिश और पहाड़ों से बहकर आए पानी ने राज्य के 12 जिलों में तबाही मचा दी है। लाखों लोग प्रभावित हैं, हजारों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है और किसानों की मेहनत पानी में बह गई है। इसी बीच भारतीय सेना ने गुरदासपुर में चलाए एक साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 15 दिन की बच्ची और उसकी मां की जान बचाई। गुरदासपुर जिले के ढंगै गांव में एक घर का ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह पानी में डूब गया था। पहली मंजिल पर एक मां अपनी 15 दिन की बच्ची के साथ फंसी हुई थी। बिजली कट और संपर्क साधनों की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। खड्गा कोर के जवान नाव से गश्त कर रहे थे कि तभी उन्होंने मकान को देखा। तुरंत कार्रवाई करते हुए जवानों ने मां-बेटी को सुरक्षित बाहर निकाला और नाव से तीन किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। इसके बाद सेना के वाहन से उन्हें 15 किलोमीटर दूर फतेहगढ़ चूढ़िंया में रिश्तेदारों के पास छोड़ा गया। बाढ़ का कहर कितना भयावह है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है, तीन लोग लापता हैं और करीब 2 लाख 56 हजार लोग सीधे तौर पर प्रभावित हैं। 12 जिलों के 1044 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। पंजाब में बाढ़ ने सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को पहुंचाया है। कुल 94,061 हेक्टेयर फसल पानी में डूब चुकी है। अकेले मानसा जिले में 1,72,205 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। अमृतसर में 23 हजार, कपूरथला में 14,934, तरनतारन में 11,883, जालंधर में 2,800 और मोहाली में 2,000 हेक्टेयर फसल तबाह हुई है। यह आंकड़े किसानों के लिए गहरे संकट की ओर इशारा कर रहे हैं। एनडीआरएफ की 20 टीमें, सेना और एयरफोर्स की 12 कॉलम, 30 से 35 हेलिकॉप्टर, 114 नाव और बीएसएफ के जवान राहत कार्यों में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर से लगातार निगरानी की जा रही है। अब तक 129 राहत कैंप स्थापित किए जा चुके हैं जिनमें 7,144 लोगों को शरण दी गई है। पंजाब में इस मानसून सीजन में अब तक 470 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 30% ज्यादा है। वहीं हिमाचल प्रदेश में भी 834 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य से 36% अधिक है। मैदानों और पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश ने बाढ़ की स्थिति को और भयावह बना दिया है। पंजाब सरकार के मंत्री और विधायक प्रभावित इलाकों में मौजूद हैं। विपक्षी दलों के कार्यकर्ता भी राहत कार्यों में जुटे हैं। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार हरसंभव मदद लोगों तक पहुंचा रही है, लेकिन अब केंद्र सरकार के विशेष राहत पैकेज का इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्रा से लौटने के तुरंत बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बातचीत की। उन्होंने राज्य में बाढ़ और बारिश के हालात पर विस्तार से चर्चा की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। केंद्र सरकार की ओर से राहत सामग्री और संसाधन भेजने की तैयारी चल रही है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी कठिन हो गई है। हजारों परिवारों को घर छोड़ना पड़ा है, बिजली और संचार सेवाएं बाधित हैं और पेयजल की भारी समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीण इलाकों में मवेशी और पशुधन भी बाढ़ में बह गए हैं। पंजाब की बाढ़ इस बात का संकेत है कि मौसम की मार कितनी भयानक हो सकती है। जहां एक तरफ सेना और एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात लोगों को बचाने में जुटी हैं, वहीं किसानों और आम जनता के सामने भविष्य की चिंता खड़ी हो गई है। अब पूरा राज्य केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की उम्मीद लगाए बैठा है। इस बीच, मां-बेटी के रेस्क्यू की घटना लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण बनी है – कि मुश्किल हालात में भी जिंदगी को बचाया जा सकता है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 02, 2025, 10:56 IST
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