Chamba News: मुआवजा तो दूर, सर्वे तक करने कोई नहीं आया

चंबा। गांवों में इस बार न खेतों में हरियाली है, न घरों में रौनक देखने को मिल रही है। जिन खेतों से सोना उगता था, वहां अब पानी, कीचड़ और उजड़ी हुई फसलें बची हैं। लगातार बारिश, फसलों पर जंगली जानवरों के हमले और सरकारी उपेक्षा ने किसानों को घुटनों पर ला खड़ा किया है। कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस साल करीब 50 लाख रुपये से अधिक की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मक्का, सब्जियों का हुआ है। पांच साल में यह सबसे बड़ा नुकसान है।किसानों में ध्यान सिंह, कर्म चंद, देस राज, मनोहर सिंह, केवल कुमार, धर्म सिंह का कहना है कि खाद, दवाई पर हजारों खर्च किए। अब हालत ये हैं कि अपने खाने को मक्की बाजार से खरीदनी पड़ रही है। मुआवजा तो दूर, सर्वे तक करने कोई नहीं आया। खेत उजड़ गए, बच्चों की फीस तक नहीं भर पा रहे। जहां बारिश से खेत बर्बाद हुए, वहीं दूसरी ओर जंगली सूअर, बंदर और नील गायों ने रातों-रात खेतों को चट कर डाला। बाड़बंदी के लिए सरकारी स्कीमें कागजों तक सीमित हैं। किसानों ने मांग की है कि तुरंत सर्वे करवाकर मुआवजा दिया जाए, बीमा योजनाओं को लागू किया जाए, जंगली जानवरों से सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम किए जाए। अगली फसल के लिए मुफ्त बीज व खाद मुहैया कराई जाए। उधर, कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. भूपेंद्र सिंह का कहना है कि नुकसान की रिपोर्ट तैयार करके उच्चाधिकारी को भेज दी गई है। उम्मीद है कि जल्द किसानों को मुआवजा मिल जाए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 11, 2025, 22:43 IST
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