Frank Caprio: दुनिया के सबसे अच्छे पूर्व अमेरिकी जज का निधन, सोशल मीडिया पर काफी चर्चित रहीं उनकी कार्यवाहियां

किस्सा करीब चालीस वर्ष पहले का है। एक बुजुर्ग का 48 वर्षीय बेटा न्यायाधीश बना, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि उन्होंने अपने इस सपने को साकार होता देखने के लिए लंबा इंतजार जो किया था। वह इतने खुश थे कि पहले दिन ही बेटे की अदालती कार्यवाही देखने के लिए पहुंच गए। लेकिन यह क्या कोर्ट की कार्यवाही समाप्त हुई, तो वह प्रसन्न होने के बजाय निराश थे। दरअसल, जज साहब एक वृद्ध महिला की अपील नहीं सुन सके थे, जो 300 डॉलर के पार्किंग टिकट का जुर्माना भरने में असमर्थ थी। कोर्ट कार्यवाही समाप्त होने पर उन बुजुर्ग ने अपने बेटे को डांटा। उन्होंने उसी दिन पिता के सामने कसम खाई कि आज से ऐसा कभी नहीं होगा और सबकी पीड़ा सुनी जाएगी। यह कहानी है, अमेरिका के प्रोविडेंस रोड आइलैंड के म्युनिसिपल कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे फ्रैंक कैप्रियो की, जिनका हाल ही में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जज कैप्रियो आम तौर पर ट्रैफिक और पार्किंग नियम तोड़ने, घरेलू समस्याएं जैसे मामलों की सुनवाई करते थे। सुनवाई के दौरान उनका मकसद अभियुक्त को दंड देने के बजाय उसकी वाजिब समस्या को जानकर उसे क्षमा देने के साथ ही नियमों का पालन करने की सीख देना होता था। पिता ने जो सिखाया फ्रैंक कैप्रियो के परिवार की स्थिति अच्छी नहीं थी। उन्होंने खुद अपने पिता के साथ फल और दूध बेचने का काम किया, तो घर चलाने के लिए जूते पॉलिश भी किए। बचपन में एक दिन जब वह परिवार के साथ बैठे थे, तब उनके पिता ने कह दिया था कि एक दिन तुम वकील बनोगे, लेकिन याद रखना हमेशा न्याय के साथ खड़े रहना। कैप्रियो ने स्नातक के बाद सरकारी हाई स्कूल में पढ़ाया। कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वकालत भी की। वह डेमोक्रेटिक पार्टी से भी जुड़े रहे, तो 1970 में राज्य महान्यायवादी का चुनाव लड़ा, जिसमें 45 हजार वोटों से हार गए थे। इसके बाद वह 1985 में म्यूनिसिपल कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए और 2023 में सेवानिवृत्त हो गए। ये भी पढ़ें:Saiyaara:कमाई के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद ओटीटी पर कब रिलीज होगी सैयारा कास्टिंग डायरेक्टर ने दिया अपडेट शिक्षा, शुरुआत और परिवार फ्रैंक कैप्रियो का जन्म 24 नवंबर, 1936 को अमेरिका के प्रोविडेंस, रोड आइलैंड में हुआ था। उनके पिता एंटोनियो कैप्रियो फल व दूध बेचकर परिवार का गुजारा करते थे। मां फिलोमीना कैप्रियो पिता का हाथ बंटाने के साथ घर भी संभालती थीं। उनके वंशज इटली से आकर अमेरिका बसे थे। वह तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। सेंट्रल हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा और प्रोविडेंस कॉलेज से बीए करने के बाद उन्होंने बोस्टन स्थित सफोल्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से 1965 में कानून की पढ़ाई की। उन्होंने आठ साल तक अमेरिकी सेना में भी काम किया। फ्रैंक कैप्रियो ने साठ वर्ष पहले जॉयसी ई कैप्रियो से शादी की, जिनसे उन्हें पांच बच्चे, चार बेटे और एक बेटी है। इंस्टाग्राम पर 33 लाख फॉलोअर्स फ्रैंक कैप्रियो अपनी अदालत में लोगों को दंडित करने के बजाय उनके जुर्माने आदि माफ कर देते थे। उन्होंने अपने भाई जोसेफ की मदद से 1988 में अदालती कार्यवाही का केबल टीवी पर सीधा प्रसारण शुरू कर दिया, ताकि लोगों को इससे सीख मिले और वे नियमों का पालन कर सकें। 2010 के दशक में यह कार्यक्रम देश के 200 स्टेशनों से प्रसारित होने लगा और 2018 में टीवी समेत सोशल मीडिया पर उनकी अदालती कार्यवाही का राष्ट्रीय स्तर पर सीधा प्रसारण हुआ। उनके शो कॉट इन प्रोविडेंस को यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक समेत कई सोशल मीडिया चैनलों पर एक अरब से ज्यादा बार देखा जा चुका है। उनके इंस्टाग्राम पर 33 लाख और टिकटॉक पर 16 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। भारत में भी उनके कई प्रशंसक हैं। हमदर्दी और करुणा हंसमुख स्वभाव और लोगों का माफ करने की वजह से जज कैप्रियो को लोग दुनिया का सबसे दयालु जज कहने लगे थे। वह अदालत में जब सुनवाई करते, तो अभियुक्त को ऐसा लगता, जैसे कोई उनका अपना-पिता, भाई, दादा-सुनवाई कर रहा है। उनके कई चर्चित मामले हैं, लेकिन ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में जब उन्होंने एक 96 साल के बुजुर्ग की समस्या सुनी, तो अवाक रह गए। वह बुजुर्ग अपने कैंसर पीड़ित बेटे को इलाज के लिए ले जा रहे थे। इससे न उन्होंने उन बुजुर्ग को माफ किया, बल्कि यह भी कहा, 90 साल से ज्यादा की उम्र में भी परिवार का खयाल रख रहे हो, यह वाकई कमाल की बात है। यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी कोर्ट कार्यवाहियों के अनेक वीडियो मौजूद हैं, जिनमें साफ झलकता है कि जज कैप्रियो न्यायाधीश होने के साथ ही एक नेकदिल इन्सान भी हैं। वह बच्चों को अपनी गोद में बैठाकर माता-पिता को माफ करने वाले फैसले भी सुनाते थे। ये भी पढ़ें:Surveen Chawla Interview:सुरवीन चावला ने साझा किए सक्सेस मंत्र, इन चार बातों से मिलती गई कामयाबी दर कामयाबी पहलवानी में जीता पदक फ्रैंक कैप्रियो स्कूल की पढ़ाई के दौरान पहलवानी भी करते थे। उन्होंने 1953 में राज्य स्तरीय कुश्ती स्पर्धा जीती थी। वह फुटबाल प्रेमी भी रहे। उनका शो कॉट इन प्रोविडेंस चार बार एमी पुरस्कार के लिए नामांकित हुआ था। उन्हें खाने-पीने का भी शौक था। वह न केवल एक आदर्श जज रहे, बल्कि समर्पित पुत्र, पति, पिता और दादा की भूमिका भी अच्छे से निभाई। उन्होंने कंपैशन इन द कोर्ट : लाइफ चेंजिंग स्टोरीज फ्रॉम अमेरिकास नाइसेस्ट जज नाम से एक किताब भी लिखी है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन और अदालती जीवन से जुड़े परिवर्तनकारी किस्सों और सीख को साझा किया। वह धार्मिक गतिविधियों में भी शामिल होते थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 23, 2025, 07:07 IST
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