Ganesh Visarjan 2025: अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के लिए पांच मुहूर्त, जानिए पूजा और विसर्जन विधि

Ganesh Visarjan 2025:आज अनंत चतुर्दशी का पर्व है और गणेश उत्सव का आखिरी दिन भी है। आज 10 दिनों तक घर-घर विराजमान गणपति की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। आज अनंत चतुर्दशी पर अगले वर्ष आने की कामना के साथ गणपति बप्पा का विसर्जन होगा। पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक देशभर में गणेश उत्सव का पर्व मनाया जाता है। लोग गणेश चतुर्थी पर बप्पा को भक्ति भाव से घर पर लेकर आते हैं और विराजमान करते हैं। गणपित की प्रतिमा को कई लोग डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन और पूरे दस दिनों तक घर पर रखते हैं फिर उसके बाद विदाई करते हैं। पांडालों में विराजमान गणपति की मूर्तियों को अनंत चतुर्दशी पर विदाई दी जाती है। जहां पर लोग भारी संख्य में एकत्रित होते हैं। आइए जानते हैं आज अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के लिए मुहूर्त कब है और कैसे करें गणपति की विदाई और महत्व। अनंत चतुर्दशी 2025 तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत आज यानी 06 सिंतबर को सुबह तड़के 3 बजकर 12 मिनट पर होगी। वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 07 सितंबर को सुबह 01 बजकर 41 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर को मनाई जाएगी। Happy Anant Chaturdashi 2025:अनंत चतुर्दशी आज, इन संदेशों के जरिये अपने परिजनों को भेजें शुभकामना Anant Chaturdashi 2025:राशि के अनुसार अनंत डोरा बांधने से बनेंगे बिगड़े काम, जीवन में आएगी स्थिरता और समृद्धि अनंत चतुर्दशी तिथि पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त शुभ मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 30 मिनट से लेकर 9 बजे तक। चर मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक। लाभ मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 3 बजे तक। अमृत मुहूर्त- दोपहर 03 बजे से लेकर शाम 4 बजकर 30 मिनट तक। उषाकाल मुहूर्त- शाम 04 बजकर 36 मिनट लेकर 06 बजे तक। सूर्यास्त के बाद विसर्जन करना वर्जित होता है। Ganesh Visarjan 2025:घर पर गणपति विसर्जन के बाद इस पौधे में डालें जल, घर में बनी रहेगी शांति और समृद्धि गणेश विसर्जन विधि गणेश चतुर्दशी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनकर गणेश जी की पूजा का संकल्प लें। इसके बाद विधि-विधान के साथ भगवान गणपति की पूजा, भोग, फल-फूल तिलक लगाकर करें। घर पर हवन करें और फिर इसके बाद चौकी पर स्वास्तिक का निशान बनाकर उसके ऊपर अक्षत रखें और लाल या गुलाबी रंग बिछाएं। फिर चौकी के चारों कोनों पर सुपार बांधें और भगवान गणपति की मूर्ति को स्थापित करें। इस चौकी पर पान-सुपारी, मोदक दीप और पुष्प रखें। इसके बाद गणपति बप्पा को धूमधाम से विसर्जन के लिए ले जाएं। विसर्जन से पहले गणपति बप्पा की आरती करें इसके बाद ही उन्हें विसर्जित करें। घर पर बप्पा की मूर्ति को विसर्जन के लिए एक नई बाल्टी, ट्रम या फिर किसी दूसरे तरह के बड़े पात्र में जल भरें और उसमें थोड़ा गंगाजल मिला लें। फिर हाथ में पुष्प और अक्षत लेकर मां गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, कावेरी और सिंधु नदियों का ध्यान करते हुए उन्हें विसर्जन के लिए आमंत्रित करें। फिर इस जल में अक्षत और पुष्प डालकर भावपूर्ण और श्रद्धा से गणपति की प्रतिमा को उठाएं और अगले वर्ष फिर से आने की प्रार्थना करते हुए धीरे-धीरे जल में प्रतिमा को विसर्जित करें। गणपति की मूर्ति को विसर्जित करने के दौरान गणेश जी का मंत्र और गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ का उच्चारण करें। प्रतिमा के पूरी तरह पानी में डूब जाने के बाद इस जल और मिट्टी में कोई पवित्र पौधा लगा दें। इससे घर पर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी। गणपति उत्सव के 10 दिनों में भगवान गणेश की पूजा में जो भी भूल चूक हुई हो, उसके लिए क्षमा मांगे। इसके बाद बप्पा को अर्पित की हुई सभी चीजें एक पोटली में बांधे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 06, 2025, 09:02 IST
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