Punjab: जिसके नाम का खौफ... उस गैंगस्टर को सताने लगा जान का खतरा; जग्गू भगवानपुरिया ने क्यों मांगी सुरक्षा?

कुख्यात गैंगस्टर जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया ने अपनी सुरक्षा को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आशंका जताई है कि पुलिस हिरासत में उसे फर्जी मुठभेड़ के नाम पर खत्म किया जा सकता है या प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर हमला कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने याचिका पर केंद्र, राज्य सरकार व अन्य एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी है। याचिकाकर्ता इस समय असम की एक जेल में मौजूद है। विभिन्न मामलों में वह पुलिस हिरासत में है। उसने हाईकोर्ट से सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश जारी करने की मांग की है। उसने याचिका में मांग की है कि हिरासत में जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, पुलिस मूवमेंट के दौरान हथकड़ी और बेड़ियां लगाई जाएं। उसे सीसीटीवी निगरानी वाले क्षेत्र में रखा जाए और हर कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की जाए। भगवानपुरिया ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई, दिलप्रीत बावा, नीटा देओल और गुरप्रीत सेखों जैसे प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर उसके जान के दुश्मन बने हुए हैं। पुलिस गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को असम की डिब्रूगढ़ जेल से श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ला रही है। संभावना है कि बुधवार देर उसे अमृतसर लाया जा सकता है। पुलिस कुछ दिन पहले उसे लेने असम रवाना हुई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जग्गू की मां हरजीत कौर की हत्या के बाद उसे पहली बार अमृतसर और बटाला पूछताछ के लिए लाया जा रहा है। हरजीत कौर की इसी साल जून में शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। सूत्रों के अनुसार, पंजाब सरकार अपराध मुक्त राज्य बनाने के लिए गैंगस्टरों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। जग्गू को यहां लाने से पहले पुलिस पिछले नौ माह में कई गैंगस्टर, लुटेरों और आतंकियों का एनकाउंटर भी कर चुकी है। सप्ताह पहले सरकार ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के एआईजी संदीप गोयल को डीआईजी की कमान सौंपी है। पदभार संभालते समय गोयल ने कहा कि था कि अपराधी और गैंगस्टर या तो अपराध छोड़ जाए जा फिर राज्य छोड़ कर चले जाएं। जग्गू को पंजाब लाना और डीआईजी की यहां ट्रांसफर किसी बड़ी कार्रवाई का संकेत भी है। 2015 से जेल में बंद है भगवानपुरिया जग्गू भगवानपुरिया अपराध की दुनिया में साल 2012 से सक्रिय है। वह 2015 से जेल में बंद है। शुरुआत में वह लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का दोस्त था, लेकिन बाद में उनके बीच दुश्मनी हो गई। इसके बाद जग्गू ने अलग गैंग बना लिया। लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने जग्गू पर सिद्धू मूसेवाला के दो हत्यारों का सुराग पंजाब पुलिस को देने का आरोप लगाया था। उसने कनाडा में भी कई हत्याओं को अंजाम देने का दावा किया है, जिसमें सुक्खा दुनुके का मर्डर भी शामिल है। कभी जग्गू बिक्रम सिंह मजीठिया के काफी निकट था। अकाली दल में चर्चा है कि जब मजीठिया का नाम काफी निकटता से जुड़ने लगा तो उसने जग्गू से दूरी बना ली। बता दें कि जग्गू का परिवार पिछड़े वर्ग से है। जग्गू ने नाम कमाने के लिए कई अपराध किए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 29, 2025, 22:31 IST
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