जिम्स में पहली बार हुई ऐसी सर्जरी: बदली बच्ची की सूरत, चेहरे को मिली नई पहचान; खाने-पीने में हो रही थी परेशानी

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के डॉक्टरों ने जबड़े का स्वरूप ठीक करके बुलंदशहर की बच्ची को नई मुस्कान दी है। इसके साथ ही उसके चेहरे को भी नई पहचान मिल रही है। दंत चिकित्सा विभाग के प्रमुख व मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. संदीप पांडे ने बताया कि बुलंदशहर से मरीज के परिजन आए थे। उन्होंने बताया कि बेटी का जबड़ा बाहर निकलने के कारण उसे खाने-पीने में परेशानी होती है। उसकी शादी करने में भी परेशानी आ रही हैं। समाज के लोग उसे ताने देते हैं। ऑपरेशन के बाद बच्ची ने कहा कि अब उसे कोई ताना नहीं मारेगा। उन्होंने बताया कि बच्ची की बाइलेटरल सैगिटल स्प्लिट ओस्टियोटॉमी (बीएसएसओ) नामक जबड़ा सुधार सर्जरी (ऑर्थोगैथिक सर्जरी) सफलतापूर्वक की है। पहले बच्ची का परीक्षण किया गया। इसके बाद उडी मॉडल बनाया गया। उन्होंने बताया कि उसके निचले जबड़े को अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने के लिए इस उन्नत सर्जरी को करने का निर्णय लिया गया। निचले जबड़े को सावधानीपूर्वक काटा और उसकी स्थिति बदल दी। इसे छोटे टाइटेनियम प्लेटों और स्क्रू के साथ जोड़ा गया। इससे उसके ऊपरी और निचले दांतों को ठीक से संरेखित करने में मदद मिली, सामान्य कामकाज और चेहरे को नया रूप मिल गया। सर्जरी के बिना किसी जटिलता के सफलतापूर्वक पूरी हो गई और मरीज अब चिकित्सकीय देखरेख में ठीक हो रहा है। जिम्स में पहली बार हुई ऐसी सर्जरी उन्होंने बताया कि निचले जबड़े को सही करने से न केवल रोगी के चेहरे में सुधार हुआ है, बल्कि उसे खाना-खाने में भी परेशानी नहीं हो रही है। पहले उसे खाने को चबाने में काफी परेशानी होती थी। अब वह बिल्कुल सही है। उन्होंने बताया कि जिम्स में पहली बार ऐसी सर्जरी हुई है। इसके साथ ही अन्य मरीजों के लिए भी द्वार खुल गए है। इस मौके पर एनेस्थेटिस्ट डॉ. समीक्षा खनूजा, डॉ. नाजिया, डॉ. कुंती और डॉ. शुभम अग्रवाल शामिल रहे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 18, 2025, 02:39 IST
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