राहत: वैश्विक खाद्य कीमतों में गिरावट, दूध-तेल चीनी सस्ता; लगातार तीसरे माह कीमतों में गिरावट दर्ज की गई
वैश्विक महंगाई के दबाव के बीच नवंबर उपभोक्ताओं के लिए राहत भरा महीना साबित हुआ। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक लगातार तीसरे महीने विश्व स्तर पर खाद्य कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। दूध, तेल, चीनी और मीट जैसी प्रमुख वस्तुएं सस्ती हुईं, जबकि अनाज समूह में बढ़ोतरी देखी गई। एफएओ का वैश्विक खाद्य मूल्य सूचकांक नवंबर में 125.1 पॉइंट रहा, जो अक्तूबर 2025 की तुलना में 1.2 फीसदी कम है और मार्च 2022 के रिकॉर्ड स्तर से करीब 22 फीसदी नीचे आ चुका है। एफएओ की सितंबर2025 की ताजा रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में बढ़ती महंगाई के बीच खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नवंबर में बड़ी नरमी दर्ज हुई। सूचकांक अक्टूबर के मुकाबले गिरा और वर्ष दर वर्ष आधार पर भी यह नवंबर 2024 की तुलना में 2.1 फीसदी नीचे रहा। अनाज को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख श्रेणियों दूध, तेल, चीनी और मीट में कीमतें घटीं, जिसने उपभोक्ताओं को काफी राहत प्रदान की। गेहूं और मक्के में उछाल दूसरी ओर अनाज मूल्य सूचकांक नवंबर में 105.5 अंक रहा जो अक्टूबर की तुलना में 1.8 और कुल मिलाकर 1.3 फीसदी ऊपर है। हालांकि यह अभी भी पिछले वर्ष की तुलना में 5.3 फीसदी नीचे बना हुआ है। गेहूं के दाम वैश्विक स्तर पर 2.5 फीसदी बढ़े। इसकी वजह चीन द्वारा अमेरिका से बड़े आयात, ब्लैक सी क्षेत्र में तनाव और रूस में अगले वर्ष की फसल के लिए कम बुवाई का अनुमान रहा। मक्के के दाम ब्राजील में मजबूत मांग और अर्जेंटीना-ब्राजील में बारिश से आपूर्ति बाधित होने के कारण बढ़े। जौ और ज्वार के भाव भी ऊपर गए, जिन पर सोयाबीन की बढ़ती वैश्विक कीमतों का सीधा असर दिखा। इसके विपरीत, चावल मूल्य सूचकांक नवंबर में 1.5 फीसदी घटा। उत्तरी गोलार्ध में फसल कटाई की शुरुआत और इंडिका व सुगंधित चावल की कमजोर आयात मांग ने कीमतों को नीचे खींचा। पाम, सूरजमुखी और डेयरी में गिरावट खाद्य तेल मूल्य सूचकांक नवंबर में 165 अंक पर रहा और इसमें 2.6 फीसदी की कमी आई। पाम, सूरजमुखी और रेपसीड तेल के दाम घटे, जबकि सोया तेल ब्राजील में बायोडीजल की मांग बढ़ने से थोड़ा महंगा हुआ।मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन अपेक्षा से अधिक रहने और क्रूड ऑयल के सस्ते होने का स्पष्ट प्रभाव वैश्विक तेल बाजार पर दिखा। चीनी में तीखी गिरावट, उत्पादन बढ़ने की उम्मीद चीनी मूल्य सूचकांक नवंबर में 88.6 अंक रहा जो अक्टूबर से 5.9 और पिछले साल से 29.9 फीसदी कम है। लगातार तीसरे महीने चीनी सस्ती हुई और लगातार दूसरे महीने इंडेक्स दिसंबर 2020 के बाद के सबसे निचले स्तर पर रहा। ब्राजील में गन्ने का बड़ा हिस्सा इस बार इथेनॉल की जगह चीनी उत्पादन में गया, जिससे वैश्विक आपूर्ति मजबूत हुई। भारत में 2025-26 फसल वर्ष की अच्छी शुरुआत और थाईलैंड में अनुकूल मौसम ने भी उत्पादन बढ़ने के अनुमान को मजबूती दी, जिससे कीमतों पर दबाव और बढ़ा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 07, 2025, 09:10 IST
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