Gorakhpur News: मां और नानी अंजान, खेलते-खेलते टब में डूब गई नन्हीं जान; पहले भी मुश्किल से बची थी मासूम
खोराबार इलाके में एक घर में खेल रही डेढ़ साल की बच्ची शिवानी टब में डूब गई। घटना के बाद परिजन उसे लेकर पीएचसी पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि मायके में रह रही मां छत पर कपड़े फैला रही थीं। नानी अलाव जला रही थीं, इसी दौरान बच्ची खेलते-खेलते टब के पास पहुंच गई और यह हादसा हो गया। बच्ची की मौत के बाद पीएचसी पर इकलौती बेटी शिवानी को गले से लगाकर मां किरन दहाड़े मारकर रोने लगीं। परिजनों ने उन्हें संभाला। जानकारी के मुताबिक, किरन डेढ़ साल की बच्ची शिवानी के साथ अपने मायके जंगल सीकरी में रह रह रही थीं। उनके पति संदीप बाहर कमाते हैं। मंगलवार को सुबह 10:30 बजे किरन कपड़े धुल रही थीं। इस दौरान शिवानी को वहीं पर खेलने के लिए छोड़ दिया। बगल में थोड़ी दूरी पर किरन की मां यानी बच्ची की नानी अलाव ताप रही थीं। इस दौरान शिवानी भींगे कपड़े लेकर छत पर डालने गईं। तभी खेल रही बच्ची खेलते-खेलते पानी से भरे टब में पलट गई और डूब गई। छत से नीचे आने पर किरन ने बेटी को टब में गिरा देखा और उसे बाहर निकाला। काफी कोशिश के बाद भी जब बच्ची को होश नहीं आया तो उसे लेकर पीएचसी पर गईं। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बदहवास मां सदमे में किरन से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन बच्चे की मौत के गम में कुछ भी बोल नहीं पा रही थीं। बच्चे को गोद में लेकर बार-बार यही कह रही थीं कि वह कपड़े धुल रही थीं। सामने ही बेटी बैठी खेल रही थी। बार-बार उनकी तरफ आ रही थी तो उसे कुछ दूरी पर बैठाया और हाथ में खिलौने भी दिए। कपड़े को सुखाने के लिए छत पर फैलाने गई थीं, नीचे आकर देखा तो बेटी टब में डूबी पड़ी थी। इतना कहकर वह दहाड़े मारकर रोने लगीं। वहीं सूचना मिलने पर उनके पति संदीप भी घर आने के लिए निकल चुके हैं। एक बार मुश्किल से बची थी जान डॉक्टर के अनुसार, पीएचसी खोराबार में किरन को बच्ची पैदा हुई थी। डिलीवरी के समय जच्चा-बच्चा की हालत खराब हो गई थी। बहुत मुश्किल से दोनों को बचाया गया था। पीएचसी प्रभारी डॉक्टर ओबैदुल हक ने बताया कि मृत बच्ची के परिजन उसे लेकर घर चले गए। पुलिस को सूचना नहीं दी गई। बच्ची जून 2023 पैदा हुई थी। पहले भी लापरवाही से बच्चों की जा चुकी है जान बाहर खेल रहे बच्चे को कुत्तों ने नोच लिया, मौत नवंबर 2024 में चिलुआताल के नकहा नंबर एक के टोला बसंतपुर में राज साहनी का डेढ़ वर्षीय बेटा कार्तिक मां के साथ गोरखनाथ क्षेत्र में नानी के घर गया था। वहां बच्चे को बाहर छोड़कर मां अंदर खाना बनाने चली गईं। तभी बाहर कुत्तों के झुंड ने बच्चे को नोच लिया। अगले ही दिन बच्चे की मौत हो गई थी। डेढ़ साल के बच्चे की टब में डूबने से हुई थी मौत जुलाई 2023 में सहजनवां क्षेत्र के बनौली गांव निवासी गुड्डू के डेढ़ साल के बेटे की टब में डूबकर मौत हो गई थी। मासूम की मां पड़ोस में महिलाओं से बात कर रही थी, इस दौरान बच्चा बाथरूम में रखे पानी से भरे टब में खेलते-खेलते डूब गया। इसके बाद उसकी मौत हो गई। अभिभावक काम में इतना अधिक व्यस्त हो जाते हैं कि कई चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं। अपने बच्चों को भी वह भूल जाते हैं। इसकी एक वजह मोबाइल फोन भी है। दूसरा संयुक्त परिवार का टूटना है। पहले संयुक्त परिवार होने से बच्चे भी एक दूसरे का ख्याल रखते थे। छोटा परिवार होने से बहुत सारे काम एक ही इंसान के ऊपर पड़ जाते हैं, इससे गलतियां होना स्वाभाविक सी बात है। हम सभी अपनी ही उलझन में उलझे हैं, हर कोई अपने ख्याल में गुम है। यही वजह है कि छोटी-छोटी बातें हम ख्याल नहीं रख पा रहे हैं: गरिमा सिंह, मनोवैज्ञानिक, डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 08, 2025, 00:41 IST
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