ग्रेनो प्राधिकरण हिंडन ग्रीन बफर जोन की जमीन फार्म हाउस वालों को बेच दी : कैग

नोएडा और ग्रेनो के बीच पर्यावरण संतुलन के लिए क्षेत्रीय योजना में ग्रीन बफर के रूप में चिह्नित है दो किमी चौड़ी जमीनअतुल भारद्वाजग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहरीकरण के नुकसान और पर्यावरणीय संतुलन के लिए हिंडन नदी के किनारे दो किमी जिस क्षेत्र को ग्रीन बफर चिह्न किया गया था उसे फार्म हाउस बनाने के लिए आवंटित कर दिए। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन अधिकारियों ने इसके लिए महायोजना-2021 बनाने में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के निर्देशों की पूरी तरह अवहेलना की। यह उस समय हुआ जब यह ग्रीन बफर खुद बोर्ड की क्षेत्रीय योजना-2021 का भी हिस्सा था।कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बोर्ड के निर्देश पर हिंडन नदी के किनारों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच ग्रीन बफर जोन विकसित किया जाना था। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की 2006 में हुई बोर्ड बैठक में यह तय किया गया था। ग्रेनो प्राधिकरण को भी अपनी महायोजना 2021 में जरूरी संशोधन करने के लिए कहा गया। 2007 में प्राधिकरण ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को यह जानकारी भी दी कि हिंडन किनारे दो किमी चौड़ाई में ग्रीन बफर सुरक्षित रखा गया है। इसके बाद 2011 मेंं प्राधिकरण ने तीन संस्थागत फार्म हाउस के लिए भूखंड विकसित कर दिए गए।बाेर्ड के निर्देश और मौजूदा क्षेत्रीय योजना को ताक पर रख ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने संस्थागत फार्म हाउस के भूखंड आवंटित कर दिए। यह उस समय हुआ इन जमीनों का भू-उपयोग कृषि था जो योजना प्राधिकरण ने लांच की उसमें पक्के निर्माण के अलावा स्विमिंग पूल, खेल के मैदान आदि विकसित करने की अनुमति दी गई थी।91 फार्म हाउस विकसित हुएअब इस क्षेत्र में 91 छोटे-बड़े फार्म हाउस विकसित हो गए हैं। कुल 9.71 लाख वर्गमीटर में से करीब 1.46 लाख वर्गमीटर जगह में पक्का निर्माण हो चुका है। संस्थागत फार्म हाउस के अलावा प्राधिकरण ने योजना बाढ़ क्षेत्र में कृषि फार्म हाउस के लिए भी लॉन्च की। इसे भी कैग ने नियम के खिलाफ माना है। 2025 में हुए ऐसे आवंटन को प्राधिकरण ने ही 2019 में निरस्त किया। यह सीधे तौर पर यूपी सरकार के ही 2010 में बाढ़ क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण नहीं होने देने के निर्देश का उल्लंघन था। प्राधिकरण का जवाब खारिजप्राधिकरण ने 2020 में कैग को दिए जवाब में कहा था कि महायोजना में ग्रीन बफर बनाए रखने के लिए कोई प्रावधान नहीं था। इसके बाद भी यहां ग्रीन एरिया को सुरक्षित रखा गया। उसने यह भी आपत्ति की कि यह कहना उचित नहीं कि बोर्ड के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। प्राधिकरण तलपट मानचित्र बनाए रखने के समय इसका प्रावधान करता है। कैग ने इस जवाब को नकार दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय योजना-2021 में विनयमित क्षेत्रों में ग्रीन बफर को अनिवार्य किया गया है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के निर्देश के बाद भी प्राधिकरण ने महायोजना और सेक्टर ले-आउट में ग्रीन बफर को चिह्नित नहीं किया। इसके उलट फार्म हाउस के भूखंड आवंटित किए। दोगुनी आबादी के लिए बसावटकैग रिपोर्ट के मुताबिक, क्षेत्रीय योजना के मुताबिक ग्रेटर नोएडा को करीब 12 लाख की आबादी के लिए विकसित किया जाना था। इसके उलट प्राधिकरण ने इसे 25.45 लाख लोगों के लिए विकसित करने की महायोजना बना दी। यह सीधे तौर पर क्षेत्रीय योजना के मुताबिक तय जनसंख्या घनत्व को बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा गया। इससे बिल्डर्स को ही ग्रुप हाउसिंग के लिए अतिरिक्त भूखंड मिलने में सहूलियत हुई। इसके लिए अतिरिक्त जमीनों का अधिग्रहण भी प्राधिकरण को करना पड़ा

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 14, 2025, 19:42 IST
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