ज्ञानवापी: पुराने मुकदमे में वादमित्र की ओर से बहस 23 अक्तूबर को, संशोधन की अर्जी पर हुई थी सुनवाई

सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक भावना भारती की अदालत में बुधवार को ज्ञानवापी के साल 1991 के पुराने मुकदमे में वादी रहे मृतक हरिहर पांडेय की बेटियों की ओर से दाखिल पक्षकार बनने संबंधित वाद में संशोधन की अर्जी पर सुनवाई हुई। अब वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से बहस होगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 23 अक्तूबर की तिथि नियत की है। पिछले तिथियों पर कोर्ट ने इस मामले के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को उक्त पद से और मुकदमे से हटाने के आदेश में संशोधन के लिए दाखिल प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। साथ ही पक्षकार बनने संबंधित लंबित वाद पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने बुधवार की तिथि नियत की थी। पिछले तिथि पर तीनों बेटियां की ओर से अधिवक्ता ने एक अर्जी दी। इसमें पक्षकार बनने संबंधित अर्जी में बेटियों की ओर से संशोधन कराना है। इसमें कहा गया कि वादी संख्या पांच जो प्राइवेट ट्रस्ट है और उसके सचिव खुद वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ही है। इस वाद में अनावश्यक और अनुचित पक्षकार हैं। इनको हटाना बहुत ही आवश्यक है। वादमित्र जो अपने शासकीय कार्य क्षेत्र के दौरान भी इनकी शैली पर सवाल उठा गया था। इस मामले में भी उन्हें अपने हित साधने के लिए अनावश्यक रूप से विधि का दुरुपयोग करते हुए वाद मित्र नियुक्त कराया गया। इस तरह इस पक्षकार बनने संबंधित अर्जी में संशोधन करते हुए कुछ अनुदेशों को जोड़ने की गुहार लगाई है। इस पर वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने आपत्ति दाखिल की है। इस मामले में कई तिथियों से बेटियों की ओर से बहस की गई थी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 16, 2025, 00:02 IST
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