ज्ञानवापी केस: निगरानीकर्ता की अर्जी पक्षकार बनने के लिए पोषणीय नहीं, 26 अगस्त को अलगी सुनवाई

अपर जिला जज चौदहवां सुधाकर राय की अदालत में बृहस्पतिवार को ज्ञानवापी प्रकरण में मुख्तार अंसारी की पक्षकार बनाने के लिए निगरानी अर्जी पर सुनवाई हुई। कोर्ट में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से बहस की गई। बहस जारी रखते हुए अगली सुनवाई 26 अगस्त नियत की है। कोर्ट में निगरानी कर्ता की अर्जी के विरोध में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि ये जनप्रतिनिधि वाद है। यह वर्ष 1991 में दाखिल किया गया था उस समय इस वाद में पक्षकार बनने संबंधित नोटिस के साथ गजट और सारी प्रक्रिया पूरी की गई थी। निगरानीकर्ता ने 32 साल बाद पक्षकार बनने की अर्जी दी। मगर अर्जी में नोटिस के प्रक्रिया के कारणों के पूरी होने बाद पक्षकार बनने का योग्य तथ्य नहीं दर्शाया गया। इसमें मुस्लिम पक्ष के ओर से सक्षम और हित के संरक्षित के लिए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड पक्षकार है। इसलिए निगरानीकर्ता की अर्जी पोषणीय नहीं है। कोर्ट से खारिज करने की गुहार लगाई है। इसे भी पढ़ें;Share Market: शेयर मार्केट के नाम पर बनारस से पूरे भारत में ठगी, बीएससी-बीए पास 29 गिरफ्तार, इनमें एक लड़की भी पिछली तारीख पर मुख्तार की ओर से बहस की गई थी कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद को मुस्लिम के तरफ से पक्षकार बनाया गया उसपर सिर्फ मस्जिद की देखरेख के करने की जिम्मेदारी है। वो मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व नहीं करते है। इसमें मुस्लिम पक्ष के संपूर्ण पक्ष रखने का अधिकार निगरानीकर्ता का है। इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड भी कई साल बाद पक्षकार बना तो उसे क्यों उसे पक्षकार बनने नहीं दिया जा रहा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 22, 2025, 10:59 IST
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