Panipat News: लोकधुनों से सजी शाम में गूंजे हरियाणवी और पंजाबी राग
कुरुक्षेत्र। हरियाणा कला परिषद द्वारा कला कीर्ति भवन में आयोजित होने वाली साप्ताहिक संध्या में शिक्षक दिवस के अवसर पर सुरताल कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें शास्त्रीय वाद्य के माध्यम से कलाकारों ने विभिन्न रागों और लोकधुनों को प्रस्तुत किया। लोकधुनों से सजी शाम में कलाकारों ने हरियाणवी और पंजाबी राग की प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। इस दौरान सितार, तबले और बांसुरी की जुगलबंदी में संगीत की सरिता बहती नजर आई।कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अलग-अलग रागों और लोकधुनों को सुनाया। गणेश वंदना के बाद शास्त्रीय, अर्धशास्त्रीय, सूफी, भक्ति, कव्वाली तथा लोकधुनों का वादन किया। पंजाबी और हरियाणवी लोकधुनों को सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। पहली बार सितार, तबले और बांसुरी की जुगलबंदी में हरियाणवी लोकगीतों को श्रोता सुन रहे थे। कलाकारों की प्रस्तुति से माहौल को इतना संगीतमय बना दिया कि श्रोता भी तालियों के माध्यम से कलाकारों का साथ देते नजर आए। मेरा नौ डांडी का बीजणा, मेरा दामण सिमादे ओ ननदी के बीरा जैसे गीतों को जब कलाकारों ने शास्त्रीय वाद्यों के साथ प्रस्तुत किया तो भरतमुनि रंगशाला में बैठे सभी कलाप्रेमियों ने कलाकारों की प्रशंसा की। लगभग एक घंटे के कार्यक्रम में डॉ. प्रभजोत कौर और उनके साथियों ने अपनी प्रतिभा से सभी का दिल जीता। गायन में खुशदीप कौर व सलोनी ने साथ दिया। मुख्यअतिथि विद्या भारती संस्कृति शिक्षण संस्थान के निदेशक सुधीर ने कहा कि संगीत जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है। संगीत के बिना जीवन अधूरा है। हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा ने कहा कि हरियाणा कला परिषद का ध्येय प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ-साथ उभरते कलाकारों को मंच प्रदान करना है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 07, 2025, 03:09 IST
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