हस्तीमल हस्ती: दिल में जो मोहब्बत की रौशनी नहीं होती

दिल में जो मोहब्बत की रौशनी नहीं होती इतनी ख़ूबसूरत ये ज़िंदगी नहीं होती दोस्त पे करम करना और हिसाब भी रखना कारोबार होता है दोस्ती नहीं होती ख़ुद चराग़ बन के जल वक़्त के अँधेरे में भीक के उजालों से रौशनी नहीं होती शायरी है सरमाया ख़ुश-नसीब लोगों का बाँस की हर इक टहनी बाँसुरी नहीं होती खेल ज़िंदगी के तुम खेलते रहो यारो हार जीत कोई भी आख़िरी नहीं होती

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 09, 2025, 15:28 IST
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