जो दूसरों के कष्ट दूर करता है, वही ईश्वर के निकट होता है : धर्मगुरु

ऐतिहासिक रोमन कैथोलिक चर्च में महोत्सव, धर्मगुरुओं ने दिया प्रेम और मानवता का संदेशसंवाद न्यूज एजेंसीसरधना। ऐतिहासिक रोमन कैथोलिक चर्च में आयोजित महोत्सव के दौरान शुक्रवार को धर्मगुरुओं ने कहा कि यह पर्व हमें ईश्वर के प्रेम, आनंद और मानवता के उद्धार का संदेश देता है। जो व्यक्ति स्वयं का परिमार्जन करता है और दूसरों के कष्टों का निवारण करता है वही ईश्वर के सबसे निकट होता है। धर्मगुरुओं ने कहा कि प्रभु यीशु ने मानव जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए अनेक प्रेरक संदेश दिए दीन-दुखियों की सहायता करना, प्रेमभाव से रहना और लालच से दूर रहना उनमें प्रमुख हैं। प्रार्थना सभा में फादर वेलेरियन पिंटो और पल्ली पुरोहित फादर मार्टिन रावत ने श्रद्धालुओं को माता मरियम के संदेश सुनाते हुए कहा कि वह अत्यंत दयालु और कृपालु थीं। जो भी उनकी शरण में आया उसका कल्याण हुआ। उन्होंने हमेशा शांति, सद्भाव और करुणा का संदेश दिया। फादर्स ने बताया कि माता मरियम का अर्थ है निर्मल, निष्कलंक, पवित्र और स्वच्छ मन। उनके समर्पण, सदाचार और अनुशासन से प्रेरणा लेकर एक आदर्श परिवार व समाज का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चरित्र निर्माण है। गुरुजनों का आदर, अनुशासन का पालन और कर्म योग, ध्यान योग व ज्ञान योग के माध्यम से जीवन में सफलता प्राप्त होती है। धर्मगुरुओं ने कहा कि माता मरियम सद्गुण और विश्वास की आदर्श हैं। उन्होंने सदा सच्चाई और दया के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। श्रद्धालुओं ने चर्च में आयोजित विशेष प्रार्थना के दौरान कृपाओं की माता की चमत्कारी तस्वीर के समक्ष शीश नवाया और मन्नतें मांगी। इस दौरान बीमारों के स्वास्थ्य लाभ और विश्व शांति के लिए भी प्रार्थना की गई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 07, 2025, 20:42 IST
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