HP High Court: पुन: रोजगार पॉलिसी को रद्द करने के सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट ने लगाई मुहर
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पुन: रोजगार पॉलिसी को रद्द किए जाने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने सेवानिवृत्त तहसीलदार की याचिका खारिज कर दी।याचिकाकर्ता ओम प्रकाश शर्मा ने राज्य सरकार के 12 दिसंबर के निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। इस निर्णय के तहत सरकार ने सेवा विस्तार और पुन: रोजगार को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया था। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता 31 मार्च 2021 को तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त हुआ था। सरकार ने सेवानिवृत्त अधिकारियों के अनुभव के इस्तेमाल के लिए सेवा विस्तार और पुन: रोजगार पॉलिसी बनाई थी। इसके तहत एक वर्ष के अनुबंध के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों के अनुभव को इस्तेमाल करने का प्रावधान बनाया गया। इस पॉलिसी के तहत 6 अप्रैल 2022 को याचिकाकर्ता की पुन: नियुक्ति की गई। याचिकाकर्ता को हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में तहसीलदार रिकवरी के पद पर एक वर्ष के अनुबंध पर नियुक्त किया गया था। दिसंबर माह में नई सरकार के आते ही 12 दिसंबर को सेवा विस्तार और पुन: रोजगार को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसकी नियुक्ति एक वर्ष के लिए हुई है। इस अवधि से पहले उसकी सेवाएं समाप्त करना गैर कानूनी है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि पॉलिसी का पुन: अवलोकन करना सरकार का कार्यक्षेत्र है। सरकार की ओर से लिए गए ऐसे निर्णयों को अदालत तब तक निरस्त नहीं कर सकती जब तक कि यह गैरकानूनी या तर्कहीन न हों।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 28, 2022, 20:09 IST
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