Noida News: हमारी सांस्कृतिक विरासत की वाहक है हिंदी

लखनऊ। राज्य सभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि आज हमारी राजभाषा हिंदी का उपयोग बहुत बढ़ गया है और अनेक शोध कार्य हिंदी में हो रहे हैं। नए आविष्कारों के नाम हिंदी भाषा में रखे जा रहे हैं। तेजस जेट और ब्रह्मोस इसके उदाहरण हैं। हिंदी में लेखन भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। मौका था सोमवार को भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) में सोमवार को हिंदी पखवाड़ा समारोह का।उन्होंने आईआईटीआर की राजभाषा सहायिका के दूसरे संस्करण ''राजभाषा सहायिका- 2025'' और ''पेंशन फॉर्म बुकलेट'' का विमोचन व साथ ही संस्थान के नए जनरेटर सेट का उद्घाटन भी किया। आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने बताया कि संस्थान में शोध छात्रों को थीसिस का सार हिंदी में पेश करना अनिवार्य है। उन्हें हिंदी में शोधपत्र लिखने व हिंदी में पेश करने को प्रोत्साहित भी किया जाता है। डॉ. भास्कर ने सभी स्टाफ से अनुरोध किया कि वे हिंदी में अधिक से अधिक कार्य करें। कवि डॉ. पंकज प्रसून ने कविता- हिंदी में हम मिलकर लिखें विज्ञान – विश्व गुरु बन जाए अपना हिंदुस्तान सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरीं। आईआईटीआरकीओरसेहिंदीपखवाडेपरआयोजितकार्यक्रममें राज्यसभासांसद दिनेशशर्मा। आईआईटीआरकीओरसेहिंदीपखवाडेपरआयोजितकार्यक्रममें राज्यसभासांसद दिनेशशर्मा। आईआईटीआरकीओरसेहिंदीपखवाडेपरआयोजितकार्यक्रममें राज्यसभासांसद दिनेशशर्मा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 23, 2025, 02:53 IST
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