पानीपत साइको किलर पूनम कैसे करती थी हत्या? ये नया खुलासा रूह कंपा देगा

एक दिसंबर की रात… मोक्षदा एकादशी। पानीपत के सिवाह गांव की ठिठुरन भरी इस रात में किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि गांव की ही एक शिक्षित, शांत दिखने वाली महिला चार मासूम जिंदगीयों की मौत बन चुकी है। पुलिस के खुलासे के बाद गांव में सन्नाटा है और डर भी। क्योंकि इस बार किसी अनजान अपराधी ने नहीं, बल्कि घर की ही बहू-बेटी ने बच्चों को निशाना बनाया था। कहानी शुरू होती है पूनम से बीएड में टॉप करने वाली, शिक्षित, शांत, हर किसी से प्यार से बोलने वाली पूनम। लेकिन उसके भीतर एक ऐसी दरार बन चुकी थी, जो धीरे-धीरे खून की प्यास में बदल गई। पुलिस जब घटनाओं को जोड़ने लगी तो एक कड़वा सच सामने आया पूनम उन दिनों को चुनती थी जब एकादशी पड़ती थी। 1 दिसंबर को जब छह साल की विधि गायब हुई, परिवार को नहीं पता था कि उस दिन मोक्षदा एकादशी है… और साइको किलर पूनम अपने अगले शिकार की तलाश में है। पड़ोसियों के मुताबिक, वह कई दिनों से अजीब हरकतें कर रही थी कपड़े जला देना, पानी पर सिंदूर डालकर घंटों देखते रहना, अचानक चुप हो जाना और फिर हंसना। लेकिन सबसे दर्दनाक घटना 19 अगस्त की रात की है। पूनम अपने चचेरे भाई दीपक के घर रुकी थी। रात में उसने 10 साल की जिया को अपने पास सुलाया जैसे बुआ प्यार करती है। लेकिन आधी रात के बाद वह जिया को उठा ले गई। बाड़े में ले जाकर पानी की हौद में डुबोकर मार डाला और वापस आकर ऐसे सो गई जैसे कुछ हुआ ही नहीं। सुबह जब घर वाले जिया का शव पानी में देख रो रहे थे, पूनम भी सबसे ज्यादा रो रही थी तेज चीखों के साथ। उसकी मां ने धमकी तक दी कि अगर झूठा इल्जाम लगाया गया तो कानूनी कार्रवाई होगी। लोग डर गए… और रिपोर्ट नहीं लिखी।यह वही रात थी एकादशी की रात। जिया की ताई पारूल बताती हैं, “वह पहले प्यार-दुलार दिखाती। बच्चों को पकड़-पकड़कर खिलाती-खिलाती। और एक दिन अचानक गायब… या मृत।” उन्होंने दावा किया कि पूनम उनके बेटे के पीछे भी पड़ी थी। उसे माल घुमाने के बहाने ले जाने की बात कहती हमेशा शर्त लगाती- “घर में सब लोग बाहर होंगे, तभी चलेंगे।” एक दिन ऐसा प्रोग्राम बना भी लेकिन कैंसिल हो गया। और शायद इसी वजह से पारूल का बेटा बच गया। पारूल से पूछे जाने पर कि शुभम और इशिका की हत्या के दिन एकादशी नहीं थी, उन्होंने कहा, “हो सकता है उस दिन मौका न मिला हो वह और बच्चों को भी निशाने पर रखती थी।” यह बयान गांव में सनसनी फैला देने वाला था। पूनम की मां सुनीता आज भी सदमे में है। कहती हैं, “वह शादी से पहले बिल्कुल ठीक थी। लेकिन शादी के बाद अचानक बदल गई। कहती थी पड़ोस में जो लड़का मरा है, उसका साया मेरे ऊपर है।” वह कई बार आत्महत्या की कोशिश कर चुकी थी। ससुराल वाले उसे कैराना के एक तांत्रिक के पास भी ले गए। लेकिन उसके अंदर की काली छाया गहराती गई। पुलिस खुलासे के बाद जब पूनम ने माना कि उसने चार बच्चों को मारा है, उसके परिवार ने भी हाथ खड़े कर दिए। मां ने रोते हुए कहा, “अगर उसने किया है… तो कानून उसे जो सजा दे, कम है। हम उसके साथ नहीं हैं।” सवाल यह नहीं कि पूनम साइको किलर क्यों बनी… सवाल यह है कि एक शिक्षित महिला, जिसे परिवार बच्चियों से प्यार करने वाली बुआ समझता था, वह उनके लिए मौत का दूसरा नाम कैसे बन गई गांव अभी भी सदमे में है। एकादशी के दिन अब लोग दरवाजे जल्दी बंद कर लेते हैं। क्योंकि पूनम अब जेल में है पर उसके किस्सों की दहशत… आज भी बाहर है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 05, 2025, 03:01 IST
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