हिमाचल प्रदेश: एक और सहायक दवा नियंत्रक पर लगे आरोप, फाइल दबाई, पास करने के लिए मांग रहे 25 लाख रिश्वत
हिमाचल के पूर्व सहायक दवा नियंत्रक निशांत सरीन पर ईडी की कार्रवाई के बीच एक और सहायक दवा नियंत्रक पर गंभीर आरोप लगे हैं। अंबाला के डॉक्टर कारोबारी ने आरोप लगाया है कि दवा फैक्टरी स्थापित करने की उनकी फाइल जानबूझकर दबाई गई है। फाइल पास करने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। कारोबारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को शिकायत भेज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कारोबारी ने सहायक दवा नियंत्रक पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीएमओ को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उक्त अधिकारी ने पद का दुरुपयोग करते हुए वर्षों से उन्हें परेशान किया, जिससे अब वह आत्महत्या करने को मजबूर हो गए हैं। कारोबारी के अनुसार उन्होंने वर्ष 2017-18 में हिमाचल प्रदेश में दवा निर्माण की फैक्टरी लगाने के लिए आवश्यक बिल्डिंग परमिशन प्राप्त की थी। 2020 में लाइसेंस आवेदन जमा किया था। शिकायत के मुताबिक संबंधित अधिकारी ने बार-बार आपत्तियां लगाकर लाइसेंस प्रक्रिया में बाधा डाली और अनावश्यक विलंब किया। मामला न्यायालय तक पहुंचा, जहां उच्च न्यायालय ने 2022 में राज्य सरकार को लाइसेंस पर निर्णय लेने के निर्देश दिए। दावा किया है कि न्यायालय के आदेशों के बावजूद अधिकारी ने जानबूझकर फाइल आगे नहीं बढ़ाई और रिश्वत की मांग की। इसके साथ ही उनके खिलाफ झूठे आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाई, जिससे उनकी सामाजिक छवि धूमिल हुई। उन्होंने पीएमओ से मामले में तत्काल कार्रवाई करने और न्याय दिलाने की मांग की है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 20, 2025, 09:53 IST
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