HP High Court: ग्रामीण डाक सेवक को पैसों के गबन के आरोपों से हाईकोर्ट ने किया बरी, जानें क्या है पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने निचली अदालतों के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें एक ग्रामीण डाक सेवक को वृद्ध पेंशन की राशि 7200 रुपये के गबन और दस्तावेजों की जालसाजी के लिए दोषी ठहराया गया था। अदालत ने याचिकाकर्ता को 50 हजार की राशि का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की एक जमानती निचली अदालत में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश राकेश कैंथला की अदालत ने आरोपी याचिकाकर्ता को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चौपाल ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए दो साल के कठोर कारावास और 2 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-II शिमला की अदालत ने इस निर्णय को बरकरार रखा था। निचली अदालत के फैसले को याचिकाकर्ता ने पुनरीक्षण याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता के गवाहों ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया और होस्टाइल (विरोधी) हो गए। निचली अदालतों ने केवल अंगूठे के निशान की विशेषज्ञ रिपोर्ट पर भरोसा किया, जो दोषसिद्धि का एकमात्र आधार नहीं हो सकता, इसे पुष्टिकरण की आवश्यकता होती है। अदालत ने पाया कि पीड़ित लाभार्थी के गवाह अभियोजन पक्ष के इस दावे का समर्थन करने में विफल रहे कि अभियुक्त ने उन्हें पेंशन वितरित नहीं की थी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 02, 2025, 17:58 IST
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