HP High Court : दवा, सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम में दोषी ठहराए व्यक्ति की सजा बरकरार, जानें पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मैक्लोडगंज के एक व्यक्ति की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश राकेश कैंथला ने निचली अदालतों की ओर से पारित सजा के फैसले को बरकरार रखा है। इसमें आरोपी को बिना लाइसेंस के एलोपैथी दवाएं रखना और बेचने के आरोप में दवा और सौंदर्य प्रसाधन (ड्रग एंड कॉस्मेटिक) अधिनियम में दोषी ठहराया गया था। अदालत ने कहा कि जब दवाई एक क्लीनिक के अंदर अलमारी पर रखी जाती है तो स्वाभाविक रूप से अनुमान लगाया जा सकता है कि वह बिक्री के लिए थी। अभियुक्त के पास दवाओं को रखने के लिए कोई लाइसेंस या प्रमाण पत्र नहीं था। अदालत ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी और इलेक्ट्रो होम्योपैथी को हिमाचल प्रदेश में मान्यता प्राप्त नहीं थी। इसीलिए अभियुक्त के पास एलोपैथी दावों को रखने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था। सजा को कम करने के तर्क को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि इस तरह के अपराधों का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। अदालत ने कहा कि ऐसे कृतियों को रोकने के लिए कठोर सजा आवश्यक है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 02, 2025, 18:23 IST
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