विनम्रता व्यक्ति का वास्तविक आभूषण : उपेंद्र मुनि
संवाद न्यूज एजेंसीसमालखा। नई जैन स्थानक नई अनाज मंडी में उपेंद्र मुनि ने विनम्रता को जीवन में अपनाने पर जोर दिया। मुनि ने बताया कि विनय जीवन का आभूषण है क्योंकि विनम्रता मनुष्य को दूसरों के बीच प्रिय बनाती है। उसके व्यक्तित्व को निखारती है और उसे अन्य गुणों धैर्य, आत्मविश्वास और कृतज्ञता को विकसित करने में मदद करती है। विनय से ही सदाचार उत्पन्न होता है। यह व्यक्ति के लिए एक अनमोल और वास्तविक आभूषण बन जाता है। विनम्रता मनुष्य को सम्मान दिलाती है और अहंकार व उग्रता से बचाती है जिससे लोग ऐसे व्यक्ति के साथ रहना पसंद करते हैं। विनय से मनुष्य में सदाचार, धैर्य, उदारता, संयम और आत्मविश्वास जैसे गुण विकसित होते हैं। विनम्रता ही व्यक्ति की पहचान बनती है। विनम्रता मन के अहंकार को गलाती है जिससे व्यक्ति का मन शुद्ध होता है और वह अधिक कृपालु बनता है। विनम्र व्यक्ति स्वभाव से शांत होते हैं और उनकी विनम्रता ही शांति का प्रतीक बनती है। विनम्रता से जो सम्मान मिलता है वह मूल्यवान होता है। बड़े-बड़े महापुरुषों ने भी विनम्रता अपनाकर ही ऊंचाइयां हासिल की हैं। बड़ों के सामने नम्र आचरण करना विनय है। विनय के भेद हैं ज्ञान, दर्शन, चरित्र मन, वचन, काया और लोको पचार विनय। रविवार को प्रवचन का सुबह 8:15 से 10:15 तक किए जाएंगे। उत्सव गार्डन में राष्ट्रीय एकता व शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। एक से दो बजे तक जैन धर्म की परीक्षा होगी। दो से तीन बजे तक ध्यान क्लास लगेगी। इस अवसर पर एसएस जैन सभा समालखा के प्रधान वीर प्रकाश जैन, सोनू जैन, जैनेंद्र जैन, अमित चैन व आशीष जैन उपस्थित रहे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 07, 2025, 03:07 IST
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