होली पर्व वैदिक यज्ञ का ही है रूप : सहदेव शास्त्री
जींद। नरवाना रोड स्थित शांति धर्मी परिसर में होली पर्व के उपलक्ष्य में हवन किया गया। डॉ. पंकज सैनी ने उनकी पत्नी, पूर्व सैनिक अजीत कुमार, पवनदीप तंवर और राजेंद्र खटकड़ ने अपनी पत्नी के साथ मुख्य यजमान की भूमिका निभाई। कार्यक्रम के संयोजक सहदेव शास्त्री और सत्यसुधा शास्त्री ने कहा कि होली पर्व वैदिक यज्ञ का ही रूप है। इसमें नई फसल के आगमन पर सामूहिक यज्ञ किया जाता था। उन्होंने कहा कि होली हमारा सांस्कृतिक पर्व है, जो हमारी संस्कृति के उज्ज्वल पक्ष को हमारे सामने प्रस्तुत करता है। इसमें मुख्य विचार यह है कि जो भी पदार्थ हमें ईश्वर की कृपा से प्राप्त होता है, उसका कुछ अंश पहले दूसरे प्राणियों को भेंट किया जाता है। फिर उसका उपयोग किया जाता है। यज्ञ का मूल संस्कार उपकार की भावना है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 15, 2025, 17:25 IST
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