अगर धरती हिलने ही लगे तो घबराएं नहीं, छोटी-छोटी बातों का रखें ध्यान ये बचाएंगी आपकी जान

गर्मियों की छुट्टियां में अगर आप कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं, तो अपने गंतव्य के बारे में भूकंप संबंधी जानकारियां जरूर जुटा लें। हाल ही में म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में करीब 3,500 लोगों की जान चली गई। पर्यटन स्थल बैंकॉक में इसी भूकंप के चलते कई इमारतें ढह गईं। इंटरनेट पर वीडियो में छत पर बने स्विमिंग पूल का पानी ऊंचे होटलों की दीवारों पर बहता हुआ दिखा। अभी वैज्ञानिक यह सटीक अनुमान नहीं लगा सकते कि अगला बड़ा भूकंप कब और कहां आएगा। कैलिफोर्निया, चिली, फिजी, इटली, जापान, मेक्सिको और कैरेबियाई देशों समेत कई ऐसे लोकप्रिय स्थल हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, लेकिन ये भूकंप के लिहाज से उतने ही संवेदनशील भी हैं। अगर आप इन जगहों पर छुट्टियों में जाने की योजना बना रहे हैं, तो सुरक्षा के लिहाज से इंटरनेट से जानकारी जुटा लें कि आप जहां जा रहे हैं, वहां पहले कभी कोई बड़ा भूकंप तो नहीं आया था। यह भी पता करें कि वहां भूकंप की चेतावनी देने वाली सेंसर प्रणाली है या नहीं। ये सेंसर भूकंप आने के ठीक पहले अलर्ट भेजते हैं, जिससे हमें बचाव के लिए कुछ सेकंड मिल जाते हैं। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के भूकंप आपदा कार्यक्रम की वैज्ञानिक डॉ. सारा मैकब्राइड कहती हैं कि भूकंप में ये कुछ सेकंड बहुत मायने रखते हैं। बीते वर्ष ताइवान में आए 7.4 तीव्रता के भूकंप के समय अलर्ट की वजह से तीन नर्सों ने दर्जनों नवजातों की जिंदगियां बचा ली थीं। कुछ सिस्टम तो भूकंप का अलर्ट सीधे आपके फोन पर भेजते हैं, जैसे मेक्सिको में सासला, अमेरिका में माईशेक नामक एप अपने फोन में डाउनलोड कर भूकंप का अलर्ट पा सकते हैं। इसके अलावा, अपनी यात्रा की जानकारी अपने दोस्तों और परिजन को जरूर दें, ताकि उन्हें आपके गंतव्य के संबंध में किसी प्राकृतिक आपदा का अलर्ट मिले, तो वे आपको सचेत कर सकें। डॉ. मैकब्राइड कहती हैं कि यात्रा से पहले किया गया थोड़ा-सा शोध बहुत फर्क पैदा कर सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि भूकंप से बचाव के तरीके अक्सर हमें स्कूल, कॉलेजों में बताए जाते हैं, और इंटरनेट तो ऐसी जानकारियों से भरा पड़ा है। इसके साथ ही कुछ संकेतों पर भी ध्यान देना जरूरी है, जैसे 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से ठीक पहले एक पर्यटक अपना सामान बांध रहा था। जिस लकड़ी की इमारत में वह ठहरा था, उसके बाहर एक कुत्ता भौंक रहा था। पर्यटक समझ गया कि कोई आपदा आने वाली है, वह तत्काल बाहर निकला और बच गया। अत: भूकंप या अन्य प्राकृतिक आपदा में तकनीक और पशु-पक्षियों के संकेत हमें बड़ी मुसीबत से बचा सकते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 20, 2025, 06:12 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »

Read More:
Opinion National



अगर धरती हिलने ही लगे तो घबराएं नहीं, छोटी-छोटी बातों का रखें ध्यान ये बचाएंगी आपकी जान #Opinion #National #SubahSamachar