अपने घर में भी है रोटी...: सोचा भी न था कि हथकड़ियों और बेड़ियों में अपने देश लौटेंगे, युवाओं के लिए बड़ा सबक

आंखों में हजारों सपने लेकर अमेरिका गए युवाओं ने कभी सोचा भी नहीं था कि वे हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़ पर अपने देश लौटेंगे। बुधवार को अमेरिका का विशेष विमान जब 104 भारतीयों डिपोर्ट कर वापस लौटा तो अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया। 1986 में आई फिल्म नाम का प्रसिद्ध गाना चिट्ठी आई है की पंक्तियां अपने घर में भी रोटी है अब फिर जीवांत हो उठी है। आखिर क्या कारण है कि देश के युवा खुद को तमाम परेशानियों में डाल कर भी विदेश जाने के लिए आमादा हैं। वे इसके लिए हर अवैध तरीका अपनाकर जान जोखिम में डालने के लिए तैयार हैं। अच्छी नौकरी और आरामदायक जिंदगी का सपना लिए विदेश गए ये युवा अब खाली हाल लौटे। इनके लिए माता-पिता की जीवन भर की पूंजी को दांव पर लगा दी। कुछ ने जमीन बेच कर बच्चों को विदेश भेजा, तो कुछ ने बैंक से भारी कर्ज लेकर। लेकिन अब इनके पास पछतावे और सबक के अलावा और कुछ नहीं है। अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे नवांशहर के मनप्रीत सिंह कहते हैं रोटी तो अपने घर में भी है। अब वे यहीं रहकर अपना कामकाज शुरू करेंगे। अमेरिका में हुई परेशानियों को उन्होंने जीवन का बुरा अनुभव बताया। यह घटना पंजाब समेत उन सभी राज्यों के युवाओं के लिए बड़ा सबक है, जो विदेश जाने के लिए हर हथकंडा अपनाने को तैयार हो जाते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 06, 2025, 11:20 IST
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