पहल: जलवायु अनुकूलन यात्रा में मिसाल कायम कर रहे नेट जीरो होटल, 2030 तक उत्सर्जन में करनी होगी 66% कटौती
जलवायु परिवर्तन से जूझती दुनिया में अब आतिथ्य उद्योग भी हरित भविष्य की दिशा में साहसिक कदम बढ़ा रहा है। नेट-जीरो होटल इस परिवर्तन की नई मिसाल बनते जा रहे हैं, जो न केवल अपनी ऊर्जा खपत को कम कर रहे हैं बल्कि उतनी ही या उससे अधिक ऊर्जा खुद उत्पन्न करने की क्षमता भी रखते हैं। सौर पैनलों से लेकर ट्रिपल-ग्लेज खिड़कियों तक नई तकनीकों और नवोन्मेषी डिजाइन के सहारे ये होटल यात्रा को अधिक टिकाऊ और जलवायु अनुकूल बना रहे हैं। नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार अमेरिका के कनेक्टिकट में कभी सबसे बदसूरत इमारत कहे जाने वाला ब्रूटलिस्ट शैली की पिरेली बिल्डिंग अब सबसे ऊर्जा-कुशल होटल बन गया है। द मार्सेल, आधुनिक वास्तुकार मार्सेल ब्रेयर के नाम पर बना यह 165 कमरों वाला होटल, पूरी तरह इलेक्ट्रिक है। इसमें रूफटॉप सोलर एरे और सोलर पार्किंग कैनोपी लगे हैं। यह होटल एक सामान्य अमेरिकी होटल से लगभग 90% कम ऊर्जा खर्च करता है और इसे लीड प्लेटिनम रेटिंग प्राप्त हुई है। अंतरराष्ट्रीय होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने कहा कि सतत विकास और नेट-जीरो लक्ष्य अब केवल पर्यावरणीय एजेंडा नहीं आतिथ्य उद्योग की प्रतिस्पर्धा और अस्तित्व का प्रश्न बन चुके हैं। पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को पाने के लिए होटल उद्योग को 2030 तक अपने उत्सर्जन में 66% कटौती करनी होगी। कोविड महामारी ने गति धीमी की, लेकिन यूक्रेन युद्ध और जीवाश्म ईंधन की सीमित उपलब्धता ने डिकार्बोनाइजेशन की तात्कालिकता बढ़ा दी। ये भी पढ़ें:Karnataka Clashes:कर्नाटक के मांड्या में भगवान गणेश की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान झड़प, निषेधाज्ञा लागू यात्रियों की बदलती मानसिकता बुकिंग डॉट कॉम की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार 81% यात्री टिकाऊ आवास चाहते हैं, जबकि 49% को ऐसे विकल्प पर्याप्त नहीं लगते। यानी लगभग आधे यात्री यह मानते हैं कि दुनिया भर में टिकाऊ और पर्यावरण मैत्रीपूर्ण होटलों की संख्या अभी बहुत कम है। आईएचआरए के अनुसार यह आंकड़ा होटल कंपनियों पर यह दबाव डालता है कि वे अपनी संपत्तियों को तेजी से नेट-जीरो या सस्टेनेबल बनाएं, ताकि यात्रियों की अपेक्षाओं और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के बीच की खाई कम हो। जलवायु परिवर्तन से निपटने की वैश्विक लड़ाई में योगदान रिपोर्ट के अनुसार नेट-जीरो होटल जलवायु परिवर्तन से निपटने की वैश्विक लड़ाई में ठोस योगदान देने वाले मॉडल हैं। ये होटल दिखाते हैं कि विलासिता और टिकाऊपन एक साथ संभव है। यात्रा अब सिर्फ आनंद का साधन नहीं, पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभाने का अवसर भी बन रही है। ये भी पढ़ें:चिंताजनक:दिल की बीमारियों से अब युवाओं की हो रही सबसे ज्यादा मौत, देश के पांच बड़े अस्पतालों पर पहला अध्ययन अंतरराष्ट्रीय उदाहरणऑस्ट्रिया की राजधानी विएना का बुटीकहोटल स्टैडथाले भी नेट-जीरो का प्रमाणन हासिल कर चुका है। यहां सौर पैनलों और हीट पंप से ऊर्जा मिलती है, साथ ही जैविक भोजन और पाल नौकाओं से लाए कॉफी बीन्स परोसे जाते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 08, 2025, 07:56 IST
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