Defence: तीनों सेनाओं के हजारों रक्षा कर्मियों ने बिना बोनस मनाई दिवाली, खुश नहीं देश की रक्षा की चौथी ताकत!

रोशनी का त्योहार दीपावली, पूरे भारत में खुशी और उत्सव का समय होता है। चाहे वह शहरों की चहल-पहल हो या दूरदराज के गांवों में खुशी का माहौल। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्योहार पर खरीदारी, उत्सवों का मजा बढ़ा देती है। सरकारी कर्मचारियों के लिए, 'दीपावली बोनस पारंपरिक' रूप से एक बहुप्रतीक्षित राहत रहा है, जो त्योहारों की खुशियां घर ले आता है। हालांकि, इस वर्ष सेना, नौसेना और वायु सेना के हजारों रक्षा असैन्य कर्मचारी, बिना किसी बोनस के 'दीपावली' मना रहे हैं। इससे उनमें व्यापक आक्रोश और निराशा फैल रही है। देश की रक्षा की चौथी ताकत, यानी डिफेंस के सिविल कर्मचारी, खुश नहीं हैं। यह बात, मंगलवार को अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कही है। उन्होंने अपने नागरिक कर्मचारियों की उपेक्षा के लिए रक्षा मंत्रालय की कड़ी आलोचना की है। बतौर श्रीकुमार, बोनस को एक आस्थगित वेतन माना जाता है, जो कर्मचारियों को उनके संगठन के प्रदर्शन में एक उचित हिस्सा देता है। बोनस अधिनियम के तहत, घाटे में चल रही कंपनियों को भी अपने कर्मचारियों को न्यूनतम 8.33% बोनस देना आवश्यक है। केंद्र सरकार के अधिकांश कर्मचारियों को दीपावली से पहले ही अपना बोनस मिल चुका है। दूसरी तरफ, रक्षा क्षेत्र से असैन्य कर्मचारी अपने 30 दिनों के वेतन, एडहॉक बोनस के रूप में, जिसकी अधिकतम सीमा ₹7,000 है, का इंतजार कर रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से, सरकारी कर्मचारी 1970 के दशक के अंत तक किसी भी बोनस के हकदार नहीं थे। लगातार मांग के बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने देश के कामकाज में उनके योगदान को मान्यता देते हुए, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी यह लाभ देने का ऐतिहासिक फैसला लिया था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 21, 2025, 18:55 IST
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