Sugar Production: भारत के चीनी उत्पादन में 43% का उछाल, आईएसएमए ने एमएसपी व इथेनॉल मूल्य बढ़ाने की मांग की
महाराष्ट्र में मजबूत उत्पादन के कारण अक्तूबर-नवंबर में भारत का चीनी उत्पादन 43 प्रतिशत बढ़कर 41.1 लाख टन हो गया। चीनी व जैव ऊर्जा विनिर्माता संघ (आईएसएमए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि इस अवधि में उत्पादन 2.88 मिलियन रहा। बता दें कि विपणन वर्ष अक्तूबर से सितंबर तक चलता है। ये भी पढ़ें:Vijay Mallya:माल्या ने वसूली के आंकड़े पर उठाए सवाल, कहा- रिटायर्डजजकरें सरकार और बैंकों के दावों की जांच पिछले वर्ष की तुलना में प्रमुख राज्यों में हुई गन्ने की बेहतर पैदावार आईएसएमए ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र स्तर पर प्राप्त फीडबैक से पता चलता है कि पिछले वर्ष की तुलना में प्रमुख राज्यों में गन्ने की बेहतर पैदावार और चीनी की रिकवरी दर बेहतर है, क्योंकि देश भर में गन्ना पेराई में तेजी आई है। इस वर्ष परिचालन कारखानों की संख्या बढ़कर 428 हो गई। वहीं पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 376 थी। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में उत्पादन में हुई वृद्धि देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन नवम्बर तक 1.40 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो एक वर्ष पूर्व 1.28 मिलियन टन था। दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन पिछले वर्ष की समान अवधि के 460,000 टन से बढ़कर 1.69 मिलियन टन हो गया। आईएसएमए ने कहा कि तीसरे सबसे बड़े राज्य कर्नाटक में उत्पादन 812,000 टन से घटकर 774,000 टन रह गया, जबकि किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण शुरुआती व्यवधान के बाद पेराई कार्य में तेजी आई है। इस वर्ष अब तक गुजरात में 92,000 टन और तमिलनाडु में 35,000 टन उत्पादन हुआ है। संगठन ने एमएसपी में की वृद्धि की मांग आईएसएमए ने चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की मांग की, जो उत्पादन लागत में वृद्धि के बावजूद छह वर्षों से अपरिवर्तित बना हुआ है। उद्योग संगठन ने कहा कि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में गन्ने की लागत में हाल ही में हुई बढ़ोतरी के बाद अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत बढ़कर 41.72 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। आईएसएमए ने सरकार से की ये मांग इसमें कहा गया है कि मिलों को उचित लाभ और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एमएसपी में वृद्धि आवश्यक है। एसोसिएशन ने सरकार से उच्च फीडस्टॉक और रूपांतरण लागत को ध्यान में रखते हुए इथेनॉल खरीद मूल्य बढ़ाने का भी आग्रह किया। आईएसएमए ने कहा कि 2025-26 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष के लिए चीनी क्षेत्र को 2.89 अरब लीटर इथेनॉल का वर्तमान आवंटन कुल आवंटन का केवल 27.5 प्रतिशत है, जिससे असंतुलन पैदा हो रहा है और डिस्टिलरी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। संगठन 2025-26 के लिए 30.95 मिलियन टन शुद्ध चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है, जिसमें इथेनॉल बनाने के लिए डायवर्जन शामिल नहीं है, जबकि पिछले वर्ष वास्तविक उत्पादन 26.11 मिलियन टन था।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 02, 2025, 10:10 IST
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